National President: नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा बदलाव होने वाला है। पार्टी जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, 6 नामों पर गंभीरता से विचार चल रहा है, जिनमें शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, सुनील बंसल और विनोद तावड़े शामिल हैं।
🔍 जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म, अब जल्द होगा फैसला
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल वे एक्सटेंशन पर हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए हैं। ऐसे में पार्टी पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तैयार दिख रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसके लिए केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया जाएगा, जो नामांकन, जांच और जरूरत पड़ी तो चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी करेगी।
🧭 राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 3 प्रमुख मापदंड:
- संगठनात्मक अनुभव
- क्षेत्रीय संतुलन
- जातीय समीकरण
भाजपा सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त चेहरे का चयन इन्हीं तीन पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
🏛️ प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव से रास्ता साफ
पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चयन हो चुका हो।
भाजपा की 37 स्टेट यूनिट्स में से 26 में अध्यक्ष चुने जा चुके हैं।
सिर्फ 1-2 जुलाई को ही 9 राज्यों (हिमाचल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन-दीव और लद्दाख) में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की गई। इस कदम के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा को लेकर पार्टी पूरी तरह तैयार नजर आ रही है।
🏁 ये चार चेहरे रेस में सबसे आगे माने जा रहे
1. शिवराज सिंह चौहान
- प्लस पॉइंट: सरकार और संगठन का लंबा अनुभव, लोकप्रियता, मास लीडर, RSS की पहली पसंद।
- माइनस पॉइंट: लगभग नहीं के बराबर।
- विशेषता: मध्यप्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री, 6 बार लोकसभा सांसद, “लाड़ली बहना योजना” जैसे गेमचेंजर कार्यक्रमों के जनक।
2. मनोहर लाल खट्टर
- प्लस पॉइंट: RSS से जुड़ाव, PM मोदी के करीबी, सादगी और ईमानदारी की छवि।
- माइनस पॉइंट: हरियाणा में अंत समय में नेतृत्व परिवर्तन से बनी छवि को नुकसान।
- विशेषता: मोदी के पुराने सहयोगी, अब केंद्रीय मंत्री।
3. धर्मेंद्र प्रधान
- प्लस पॉइंट: RSS और संगठन में स्वीकार्यता, विरोधी नहीं, हर किसी के साथ सामंजस्य।
- माइनस पॉइंट: उल्लेखनीय नहीं।
- विशेषता: ओडिशा से हैं, शिक्षा मंत्री, ABVP से राजनीतिक शुरुआत, दो बार लोकसभा-सांसद और दो बार राज्यसभा-सांसद।
4. सुनील बंसल
- प्लस पॉइंट: संगठन में मजबूत पकड़, अमित शाह के सबसे भरोसेमंद नेताओं में शामिल, RSS से जुड़ाव।
- माइनस पॉइंट: सार्वजनिक पहचान सीमित।
- विशेषता: यूपी में भाजपा की जीत के रणनीतिकार, वर्तमान में ओडिशा, बंगाल और तेलंगाना के प्रभारी।
📌 भविष्य की दिशा: कौन होगा अगला कप्तान?
भाजपा की अगली रणनीति और संगठन की कमान किसे सौंपी जाएगी, इसका ऐलान कुछ ही दिनों में हो सकता है। जानकारों की मानें तो शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे मजबूत दावेदारों में है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी की कोर लीडरशिप—मोदी, शाह और संघ के शीर्ष नेतृत्व की सहमति से ही होगा।
साभार…
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