National Tourism Day: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की तामिया तहसील में स्थित पातालकोट एक अद्भुत और रहस्यमय स्थल है, जिसे मप्र की सबसे गहरी घाटी माना जाता है। यह जगह न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी पारंपरिक विरासत, जैव विविधता और वेलनेस टूरिज्म के लिए भी पहचानी जाती है।
मुख्य विशेषताएं:
- भौगोलिक संरचना:
- पातालकोट सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच स्थित है और जमीन से करीब 3500 फीट नीचे फैला हुआ है।
- इसका क्षेत्रफल 79 वर्ग किमी है और यह अपनी किले जैसी आकृति के लिए प्रसिद्ध है।
- जड़ी-बूटियों का भंडार:
- यह घाटी 200 से अधिक दुर्लभ जड़ी-बूटियों का खजाना है।
- यहां की भारिया जनजाति इन जड़ी-बूटियों का पारंपरिक ज्ञान पीढ़ियों से संरक्षित करती आई है।
- इन जड़ी-बूटियों का उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता है।
- वेलनेस टूरिज्म का केंद्र:
- पातालकोट वेलनेस टूरिज्म के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
- यहां प्राकृतिक चिकित्सा और वेलनेस सेंटर खुल रहे हैं, जो पर्यटकों को प्राकृतिक उपचार और विश्राम का अनुभव कराते हैं।
- एडवेंचर स्पोर्ट्स और प्राकृतिक सौंदर्य:
- यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स का अनुभव भी किया जा सकता है।
- 1200 फीट ऊंची पहाड़ियों और गहरी घाटियों के बीच एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह जगह आदर्श है।
- हाल ही में यहां घने कोहरे के बीच का दृश्य देखा गया, जिसमें विजिबिलिटी केवल 500 मीटर रह गई, और ऐसा लगा मानो बादल घाटी में उतर आए हों।
संरक्षण और पर्यटन:
पातालकोट का पारंपरिक ज्ञान और जैव विविधता इसे एक अनमोल धरोहर बनाते हैं। सरकार और स्थानीय समुदाय इसे संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं।
पातालकोट का महत्व:
- पारंपरिक चिकित्सा और जड़ी-बूटियों का अध्ययन करने वालों के लिए यह घाटी एक शोध केंद्र है।
- वेलनेस टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए यह स्थल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।
पातालकोट एक ऐसा स्थान है जो न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे भारत का गौरव है। यहां की अद्भुत प्रकृति, परंपरा और शांति इसे एक स्वर्गीय अनुभव बनाती है।
source internet… साभार….
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