New rules: सागर | अब 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड बनवाना पहले से ज्यादा प्रक्रियात्मक हो गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बाल आधार कार्ड नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए नए दस्तावेजों को अनिवार्य कर दिया है। अब किसी भी शिशु के आधार पंजीकरण के लिए बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ-साथ अस्पताल का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट, और माता-पिता के आधार कार्ड भी अनिवार्य रूप से जमा करने होंगे।
📄 अब तक क्या था नियम?
अब तक 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र और बच्चे की फोटो के आधार पर बनाया जाता था। इसे ‘बाल आधार कार्ड’ कहा जाता था और यह माता-पिता के आधार से लिंक होता था।
🔄 क्या बदला है अब?
UIDAI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब:
- जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है
- अस्पताल का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट देना होगा
- माता-पिता का आधार कार्ड जरूरी होगा
- बच्चे की एक पासपोर्ट साइज फोटो देना अनिवार्य होगा
- 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्में बच्चों पर यह नियम लागू हो चुका है
📍 5 साल के बाद होगा बायोमेट्रिक अपडेट
अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय ने बताया कि सभी आधार केंद्रों को नए निर्देश भेज दिए गए हैं। उन्होंने बताया:
“पांच साल तक बच्चों के फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग नहीं होती है, इसलिए पांच साल पूरे होने पर उनका आधार कार्ड अपडेट करना जरूरी होगा।”
इस अपडेट प्रक्रिया में:
- बच्चे के फिंगरप्रिंट
- आईरिस स्कैन (आंखों की स्कैनिंग)
- और फोटो दोबारा लिए जाएंगे
🏫 स्कूल एडमिशन में आधार जरूरी
बच्चों का स्कूल में दाखिला लेने से लेकर समग्र आईडी, स्वास्थ्य योजना और अन्य दस्तावेजों के लिए आधार कार्ड जरूरी हो गया है। UIDAI के इस निर्णय का उद्देश्य पहचान प्रक्रिया को मजबूत और पारदर्शी बनाना है।
⚠️ ध्यान रखें
- पुराने नियमों के तहत बने आधार अब भी मान्य हैं
- नए बच्चों के लिए जन्म स्थान का स्पष्ट रिकॉर्ड अनिवार्य है
- बच्चों की पहचान को लेकर गलत जानकारी देने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है
- साभार…
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