लापरवाह अधिकारियों पर भी गिरी गाज
Order: भोपाल | राजधानी भोपाल के रोशनपुरा इलाके में सोमवार को हुए दर्दनाक स्कूल बस हादसे ने प्रदेशभर को झकझोर दिया है। हादसे में 22 वर्षीय युवती डॉ. आयशा खान की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में वाहनों की फिटनेस और दस्तावेजों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
🛑 13 मई से पूरे प्रदेश में विशेष चेकिंग अभियान
मुख्यमंत्री ने डीजीपी कैलाश मकवाणा को निर्देश दिए हैं कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सीएम ने कहा कि जिन वाहन मालिकों और चालकों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा, रजिस्ट्रेशन और परमिट जैसे अनिवार्य दस्तावेज नहीं हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
🚨 कैसे हुआ हादसा
सोमवार को बाणगंगा चौराहे पर एक निजी स्कूल बस के ब्रेक फेल हो गए। बेकाबू बस ने चौराहे पर खड़े दो और चार पहिया वाहनों को कुचल दिया। हादसे में 22 साल की युवती डॉ. आयशा खान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए।
📄 जांच में हुआ खुलासा
जांच में सामने आया कि बस का फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा और रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका था, फिर भी वह अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रही थी। यह मामला केवल बस मालिक और चालक की लापरवाही तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें विभागीय लापरवाही भी सामने आई।
⚖️ लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई
भोपाल संभागायुक्त संजय सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। उन्हें मुख्यालय, आयुक्त कार्यालय भोपाल में अटैच किया गया है। वहीं बस चालक और मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
साभार…
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