Patanjali Jobs – पतंजलि अब इन राज्यों के किसानों के साथ मिलकर पाम ऑयल का उत्पादन बडे पैमाने पर करने जा रही है जिससे की इन राज्यों के किसानों को होगा हर साल लाखों रूपए का फायदा पतंजलि ने पाम ऑयल के उत्पादन के लिए पूरी तैयारिया भी कर ली है।
पतंजलि ने इन राज्यों असम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अलावा अन्य 12 राज्यों में किसान पतंजलि से जुड़कर पाम ऑयल की खेती करने को भी तैयार हो गए है। और उन्होंने यह भी कहा कि पतंजलि की नर्सरी में पाम ऑयल के एक करोड़ से भी ज्यादा पौधे तैयार हो गए हैं।
पाम ऑयल की खेती के लिए 40 हजार किसान पतंजलि से जुड़ चुके हैं | Patanjali Jobs
पतंजलि संस्थान जल्द ही पाम ऑयल का उत्पादन करने जा रहा है। और इस बात का ऐलान स्वयं ही पतंजलि सस्थान के संस्थापक योगगुरू बाबा रामदेव ने किया है कि। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि पतंजलि अब स्वयं ही पाम तेल का उत्पादन बड़ी मात्रा में करने जा रही है।
और इसकी खेती के लिए भी किसानों को पतंजलि से जोड़ा जाएगा। बाबा की माने तो अभी तक पाम ऑयल की खेती करने वाले लगभग 40 हजार किसान पतंजलि से जुड़ चुके हैं। और आने वाले समय में इनकी संख्या बड़कर लगभग 5 लाख तक करनी है।
ये किसान एक विशेष प्रकार की किस्म की पाम ऑयल की खेती करेंगे
ऐसे में पतंजलि में पाम ऑयल का उत्पादन शुरू होने से 5 लाख किसानों को सीधे रोजगार प्राप्त होंगे। और बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि किसान किसी विशेष प्रकार की किस्म के पाम ऑयल की खेती करेंगे। इससे पहले के मुकाबले ज्यादा उत्पादन भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस नई किस्म के पाम ऑयल के पौधों की आयु भी पहले के मुकाबले ज्यादा है।
अब खेती शुरू करने पर आप इससे 40 साल तक फसल प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि पहले पाम ऑल का उत्पादन सिर्फ 16 से 18 टन प्रति हेक्टेयर मे ही होता था, लेकिन अब किसानों के माध्यम से ये नई किस्म की खेती करने पर 20 से 25 टन की उपज मिलेगी।
अगर किसान एक हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती करते हैं, तो आपके बाग में पांच साल अंदर ही फल आने शुरू हो जाएंगे। और इस प्रकार एक हेक्टेयर से कम से कम 2 लाख रुपये तक की इनकम हो सकती है।
पतंजलि की नर्सरी में पाम ऑयल के एक करोड़ पौधे तैयार हो गए हैं | Patanjali Jobs
भारत में पाम ऑयल की खेती करने से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है और असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित अन्य 12 राज्यों में किसान पतंजलि से संस्थान के साथ जुड़कर पाम ऑयल की खेती कर रहे हैं। पतंजलि की नर्सरी में अभी तक पाम ऑयल के कम से कम एक करोड़ पौधे तैयार हो चुके हैं। और आने वाले 5 से 6 वर्षों में इसकी संख्या बढ़ाकर 8 से 10 करोड़ तक करने का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
पतंजलि संस्थान के माध्यम से पाम ऑल का उत्पादन शुरू करने से देश को काफी फायदा होगा। उसे विदेशों से पैसे खर्च कर पाम ऑयल का आयात नहीं करना पड़ेगा। इससे भारत को हर साल कम से कम 2 लाख करोड़ रुपये तक की अच्छी खासी बचत भी हो सकती है।
भारत में हर साल पाम ऑयल की खपत लाखों टन की होती
और आपको यह भी बता दें कि भारत में पाम ऑयल की खपत बहुत अधिक मात्रा में कि जाती है। क्योंकि यह पाम ऑयल की खपत के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बन गया है। और भारत में हर साल पाम ऑयल की खपत 90 लाख टन है। खास बात यह है कि भारत में खाद्य तेल के कुल खपत में पान ऑयल की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत तक की है।
Source – Internet
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