Pharmacy Students Carrier – इस समय एक ऐसा दौर चल रहा है जहाँ सभी को कॅरिअर की चिंता सताने लगती हैं फिर चाहे वो पैरेंट हों या खुद स्टूडेंट्स हों। अगर देखा जाए तो जिस तरह से कोरोना का समय गुजरा है सभी को ये एहसास जरूर हुआ है की कुछ न कुछ खुद न करिअर ऑप्शन होना चाहिए। इसी के कोरोना काल के दौरान सभी को ये एहसास भी हुआ की फार्मेसी, मॉडर्न वैक्सीन डेवलपमेंट और बायोटेक हॉट करिअर हैं।
फार्मेसी से हुए वेल सेटल(Pharmacy Students Carrier)
पिछले लगभग दो या तीन दशकों में मैंने अपने परिवार और सर्कल में यह पाया है कि जिस भी व्यक्ति ने फार्मेसी के क्षेत्र में एजुकेशन पाई, वो आज वेल-सेटल्ड है।
एक समय था कि फार्मेसी में मैनपॉवर की आवश्यकता इतनी अधिक थी कि जिन्होनें फार्मेसी में डिग्री नहीं ली थी, मतलब ऐसे लोग जो कॉमर्स, साइंस या आर्ट्स बैकग्राउंड के थे और हार्ड-वर्क करने के इच्छुक थे, ने इस क्षेत्र में ‘मेडिकल रेप्रेजेंटेटिव’ के रूप में नौकरियां पाईं, काम करते हुए क्षेत्र का नॉलेज बढ़ाया और विभिन्न पार्टनरशिप्स के जरिए आज अपना ‘मेडिकल शॉप’ लेकर बैठे हैं।
भारत रहा फार्मास्युटिकल हब(Pharmacy Students Carrier)
भारत प्राचीन काल में विश्व का फार्मास्युटिकल हब रहा है। जरा सोच कर देखिए जब आधुनिक एलोपैथी नहीं थी, भारत के पास ‘आयुर्वेद’ था, जिसमें तमाम तरह के विकारों के लिए इलाज के नुस्खे थे। इतना ही नहीं इन नुस्खों के लिए जरूरी ‘मसाले’ जैसे लौंग, हल्दी इत्यादि भी भारत में उपलब्ध था।
फार्मेसी में करिअर ऑप्शंस की सूची(Pharmacy Students Carrier)
1) रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर: रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर प्रोफेशनल्स चिकित्सा और दवा विज्ञान के लिए सामग्री पर लगातार शोध करने के लिए जिम्मेदार होते है।
2) फार्मेसिस्ट: विभिन्न सरकारी और प्रायवेट मेडिकल संस्थानों में फार्मेसिस्ट की आवश्यकता होती है।
3) फार्मा सेल्स रिप्रेजेंटेटिव: सभी दवा कंपनियों को अपने उत्पादों के मार्केटिंग और सेल्स के लिए उच्च प्रशिक्षित फार्मासिस्टों की आवश्यकता होती है।
4) सरकारी नौकरियां: ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर – बी.फार्मा स्नातकों के पास ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर के रूप में नौकरी पाने का अवसर है। ड्रग इंस्पेक्टर नई दवाओं के विकास चरण के दौरान आवश्यक गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता मानकों का पालन करवाता है। यह पद अत्यधिक आकर्षक हैं और इसके लिए रिक्तियां विभिन्न सरकारी यूपीएससी और एसएससी भर्तियों के माध्यम से भरी जाती हैं।
5) फार्मास्युटिकल एजुकेटर: वे थ्योरी और प्रैक्टिकल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को फार्मेसी के विभिन्न पहलुओं के बारे में पढ़ाकर अकादमिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
6) क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट: ये फार्मासिस्ट ड्रग डिस्कवरी टीमों का हिस्सा होते हैं। वे आमतौर पर फोर्मुलेशन और प्रक्रिया में सुधार और क्लिनिकल ट्रायल्स के क्षेत्रों में काम करते हैं।
7) होलसेलर और रिटेलर: प्रॉपर लायसेंस इत्यादि होने पर आप अपनी दवा की दुकान शुरू कर सकते हैं। विभिन्न पहलू जैसे दुकान का स्थान, खुलने और बंद होने का समय आदि, मालिक की आय का निर्धारण करते हैं। दवाओं की थोक आपूर्ति करना भी एक उपयुक्त विकल्प है यदि आप मेडिकल दुकान/दवा स्टोर मालिकों के साथ अच्छे संबंध स्थापित कर सकते हैं।
8) मेडिकल राइटर: बैचलर ऑफ फार्मेसी करने के बाद मेडिकल स्क्राइब, मेडिकल कोडर्स या मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन के रूप में कार्य किया जा सकता है और उन्हें मेडिकल से संबंधित दस्तावेज आदि लिखने की भी आवश्यकता हो सकती है।
उपलब्ध डिग्री और कोर्सेज
इस क्षेत्र में बेचलर ऑफ फार्मेसी (बी फार्मा), मास्टर ऑफ फार्मेसी, डॉक्टर ऑफ फार्मेसी, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट में एमबीए, फार्मेसी प्रथाओं और ड्रग स्टोर प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, फार्मेसी प्रक्टिसेस और ड्रग स्टोर मैनेजमेंट में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा, डिप्लोमा – क्लिनिकल रिसर्च, डिप्लोमा – ड्रगस्टोर प्रबंधन इत्यादि डिग्रियां और कोर्सेज उपलब्ध है।
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