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Plan: मप्र में बेटियों के लिए “रेवा शक्ति योजना” का विस्तार

मप्र में बेटियों के लिए "रेवा शक्ति

कीर्ति कार्ड धारकों को मिलेगा विशेष सम्मान

Plan:भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार बेटियों को वरदान बनाने और समाज में उनके प्रति सम्मान की भावना बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी दिशा में राज्य सरकार “रेवा शक्ति योजना” को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी कर रही है। इस योजना की शुरुआत हरदा जिले से हुई थी, और अब इसकी सफलता को देखते हुए इसे अशोकनगर जिले सहित अन्य जिलों में भी विस्तार दिया जा रहा है।


🌸 क्या है ‘रेवा शक्ति’ योजना?

यह योजना बेटियों के जन्म, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। हरदा में तत्कालीन कलेक्टर आदित्य प्रताप सिंह ने इसकी नींव रखी थी। अब अशोकनगर के कलेक्टर के रूप में भी वही अधिकारी इस योजना को आगे बढ़ा रहे हैं।


🎫 ‘कीर्ति कार्ड’ की विशेषताएं

‘रेवा शक्ति’ योजना के तहत एक या दो बेटियों वाले माता-पिता को ‘कीर्ति कार्ड’ दिया जा रहा है। इस कार्ड के जरिये कार्डधारकों को समाज में विशेष सम्मान और कुछ सेवाओं में छूट दी जा रही है:

  • किराना दुकानों में छूट
  • प्राइवेट स्कूलों और अस्पतालों में रियायतें
  • सरकारी कार्यालयों में प्राथमिकता
  • जनसुनवाई में विशेष व्यवस्था
  • खेल और पर्यटन स्थलों पर विशेष छूट

📉 लिंगानुपात में सुधार की कोशिश

योजना का प्रमुख उद्देश्य जिले के गिरते लिंगानुपात (887:1000) में सुधार लाना है। यह स्वैच्छिक योजना है, और अधिकांश दुकानों, स्कूलों व अस्पतालों ने इसे समर्थन दिया है। कई संस्थानों ने पूरी फीस माफ करने तक की सहमति दी है।


🏢 विभागवार ज़िम्मेदारियां तय

रेवा शक्ति योजना को कारगर तरीके से लागू करने के लिए प्रशासन ने अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी है:

विभागभूमिका
स्वास्थ्य विभागनिजी अस्पतालों में छूट की निगरानी
परिवहन विभागकिराए में रियायत सुनिश्चित करना
खाद्य विभागकिराना दुकानों की व्यवस्था देखना
शिक्षा विभागस्कूल फीस और किताबों में छूट
खेल एवं पर्यटन विभागखेलों और पर्यटन स्थलों में प्राथमिकता

🚴 29 जून से अशोकनगर में शुरुआत

अशोकनगर जिले में 29 जून को चंदेरी तक साइकिल रैली निकाली जाएगी, जिसमें 100 से अधिक साइकिलिस्ट हिस्सा लेंगे। यह रैली बेटियों के समर्थन और जागरूकता को बढ़ावा देने का प्रतीक होगी। इसी दिन योजना की औपचारिक शुरुआत होगी और कीर्ति कार्ड भी वितरित किए जाएंगे। जिले में अब तक 9,228 पात्र पालकों की पहचान की जा चुकी है। ये वे पालक हैं जिनकी एक या दो बेटियां हैं और तीसरी संतान नहीं है, या जिनकी बेटियां विवाह योग्य हो चुकी हैं।


💬 कलेक्टर का संदेश

कलेक्टर आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि समाज में बेटियों को विशेष सम्मान देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा,

हम चाहते हैं कि बेटियों के माता-पिता को समाज में गौरव का अनुभव हो, ताकि लोग बेटियों को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।

साभार… 

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