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Politics: राजनीति करना है तो कांग्रेसियों को करना पड़ेगा जेब ढीली

राजनीति करना है तो कांग्रेसियों को

सीखेंगे स्वयं के खर्चे पर सोशल मीडिया, एआई की बारीकियां

Politics: भोपाल(ई-न्यूज)। प्रदेश में 2003 से 15 महीने छोडक़र लगातार प्रदेश की सत्ता से बाहर एवं 2014 से देश की सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस मात्र तीन राज्यों में सिमट गई है। किसी बड़े राजनैतिक दल को चलाने के लिए बड़े फण्ड की भी आवश्यकता होती है। लेकिन लगातार आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस अब कार्यकर्ताओं के स्वयं के खर्च पर उन्हें प्रशिक्षित और सक्रिय करने के प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में चुनावों में हार और दलबदल के बाद अब कांग्रेस अपने कैडर मैनेजमेंट पर फोकस कर रही है। अपने सभी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, विधानसभा प्रभारियों को अब कांग्रेस आवासीय प्रशिक्षण देगी। जून माह के 9 से 15 के बीच यह आवासीय प्रशिक्षण होगा। जिसमें सादगी का विशेष ध्यान दिया जाएगा।


जमा करनी होगी निश्चित राशि


ट्रेनिंग कैम्प में प्रशिक्षण लेने वाले विधायकों, जिला अध्यक्षों सहित सभी नेताओं को एक निश्चित राशि बतौर पार्टी के पास जमा करनी होगी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के चीफ सचिन राव और एमपी कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग द्वारा ये ट्रेनिंग कैम्प आयोजित किया जाएगा। बीते 7 मई को भोपाल में एमपी कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के साथ हुई बैठक में ये तय हुआ है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को आइडियोलॉजी के आधार पर जोडऩे के लिए विधायकों, जिलाध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिए जाएं। सबसे पहले होने वाली ट्रेनिंग में कांग्रेस पार्टी के इतिहास, राजनीतिक सफरनामे से लेकर वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया जाएगा।


कांग्रेस ने तैयार किया मॉड्यूल


कांग्रेस ने ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया है। इसमें प्रशिक्षणार्थियों को ये बताया जाएगा कि वर्तमान में एआई के युग में फेक न्यूज और कंटेंट और फैक्ट को कैसे पहचानें। विरोधी दल द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाले दुष्प्रचार को रोकने के तौर तरीके भी बताए जाएंगे। कांग्रेस का मानना है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति के व्यवहार और काम करने के तौर तरीके का कार्यकर्ताओं और आम जनता पर बड़ा असर पड़ता है। ट्रेनिंग में मोबाइल मैनेजमेंट, मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण विभाग से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि कई नेता अपने वॉट्सऐप पर रीड रिसिप्ट ऑन किए रहते हैं। ऐसे में जब कोई वॉट्सऐप पर मैसेज भेजता है तो यह पता नहीं चलता कि मैसेज देखा या नहीं? नेताओं के वॉट्सऐप पर प्रोफाइल फोटो, बायो पब्लिक होना चाहिए।


एक्सपर्ट्स देंगे ट्रेनिंग


कांग्रेस विधायकों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों और विधानसभा प्रभारियों को ट्रेनिंग देने के लिए देश भर के अलग-अलग सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स बुलाए जाएंगे। दो दिनों में करीब सात-आठ सत्रों में अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव संजय कामले ने बताया लंबे समय से पार्टी इस बात पर विचार कर रही थी कि हमारे सभी नेतागण और कार्यकर्ता प्रशिक्षित हों। और उन्हें उनके दायित्वों की जानकारी हो। एक प्रशिक्षण विभाग का गठन किया गया था। महेन्द्र जोशी उसके अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में एक प्रजेंटेशन दिया गया था। जिसमें सैद्धांतिक रूप से ये तय किया गया है कि 9 से 15 जून के बीच दो से तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा। उस प्रशिक्षण में सभी जिलाध्यक्ष, विधायक, जिला प्रभारी, सह प्रभारी, पीसीसी के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। साभार…

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