Property card: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख से अधिक स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ 13 केंद्रीय मंत्रियों ने फील्ड पर जिम्मेदारी संभाली। कार्यक्रम में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, संबंधित राज्यों के मंत्री और पंचायत प्रतिनिधि भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े
स्वामित्व योजना: एक परिचय
स्वामित्व योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) की शुरुआत अप्रैल 2020 में हुई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक दिलाना और संपत्ति के विवादों को कम करना है। इस योजना के तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग कर संपत्तियों की मैपिंग की जाती है और मालिकों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए जाते हैं।
योजना की प्रगति और विस्तार
- शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:
- अब तक 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना का हिस्सा बन चुके हैं।
- सिक्किम, तेलंगाना और तमिलनाडु ने पायलट फेज में भाग लिया, जबकि पश्चिम बंगाल, बिहार, नागालैंड और मेघालय ने अभी तक इस योजना को अपनाया नहीं है।
- ड्रोन तकनीक से सर्वेक्षण:
- 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो कुल लक्ष्य का 92% है।
- लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ड्रोन सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
- कार्ड वितरण की स्थिति:
- 1.44 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं, जिनमें से 1.13 लाख कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
योजना का महत्व और लाभ
- मालिकाना हक और विवादों का समाधान:
- ग्रामीणों को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक देकर कानूनी विवादों को कम करना।
- आर्थिक सशक्तिकरण:
- संपत्ति कार्ड के माध्यम से संपत्तियों को मोनेटाइज करना और बैंक से लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना।
- डिजिटल रिकॉर्ड और पारदर्शिता:
- गांवों की जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना।
- विस्तार और लक्ष्यों की समयसीमा:
- योजना का लक्ष्य 2026 तक सभी गांवों में इसे लागू करना है।
ड्रोन तकनीक की भूमिका
लेटेस्ट ड्रोन तकनीक के जरिए गांवों में संपत्ति की मैपिंग की जाती है। 11 अक्टूबर 2020 को संपत्ति कार्ड का पहला सेट वितरित किया गया था। अब तक लक्षद्वीप, लद्दाख, दिल्ली, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव जैसे सभी क्षेत्रों में मैपिंग का काम पूरा हो चुका है।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य
- ग्रामीण संपत्तियों का आधिकारिक रिकॉर्ड तैयार करना।
- संपत्ति संबंधी विवादों को समाप्त करना।
- ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
स्वामित्व योजना भारत के ग्रामीण इलाकों में संपत्ति अधिकारों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस योजना से न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि संपत्तियों को लेकर होने वाले विवादों में भी कमी आएगी। तकनीकी नवाचार और सरकारी प्रयासों के साथ, यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में मददगार साबित हो रही है।
source internet… साभार….
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