Rare coincidence: महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण संयोग का साक्षी बना, जब एक महीने के भीतर 14 नवजातों ने जन्म लिया। यह दुर्लभ घटना धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ गई, क्योंकि समुद्र मंथन से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई थी, और अब महाकुंभ में 14 बच्चों का जन्म इसे एक अलौकिक संयोग बना रहा है।
मुख्य बिंदु:
🔹 14 नवजातों का जन्म: इनमें 8 बेटे और 6 बेटियां शामिल हैं।
🔹 सभी सामान्य प्रसव से जन्मे: किसी को सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी।
🔹 धार्मिक नामकरण: बच्चों को कुंभ, गंगा, यमुना, बजरंगी, सरस्वती, नंदी, अमृत, शंकर आदि नाम दिए गए।
🔹 144 साल बाद दुर्लभ संयोग: समुद्र मंथन से 14 रत्नों की उत्पत्ति की धार्मिक कथा से जोड़ा जा रहा है।
🔹 CMO की पुष्टि: सभी नवजात और माताएं स्वस्थ, तीन दिन बाद डिस्चार्ज किए गए।
🔹 श्रद्धालुओं की आस्था: नवजातों को देखने के लिए अस्पताल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
महाकुंभ 2025 पहले ही अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण ऐतिहासिक था, लेकिन इन नवजातों के आगमन ने इसे और भी विशेष बना दिया है। श्रद्धालु इसे ईश्वरीय आशीर्वाद मान रहे हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक पवित्र कथा के रूप में संजोया जा रहा है।
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