Registration:जम्मू/श्रीनगर | अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। यह पवित्र यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जो कुल 38 दिनों तक जारी रहेगी। अब तक लगभग 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। जो श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण से वंचित रह गए थे, उनके लिए जम्मू में 1 जुलाई से ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने जम्मू के भगवतीनगर बेस कैंप में विशेष रजिस्ट्रेशन सेंटर्स की स्थापना की है, जहाँ से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा।
🚶♂️ दो मार्गों से होगी यात्रा
इस वर्ष भी यात्रा दो पारंपरिक मार्गों से संचालित होगी:
- पहलगाम रूट (अनंतनाग) – 48 किमी लंबा यह रूट अपेक्षाकृत आसान माना जाता है और श्रद्धालुओं को गुफा तक पहुँचने में लगभग तीन दिन लगते हैं।
- बालटाल रूट (गांदरबल) – मात्र 14 किमी लंबा यह मार्ग तेजी से दर्शन के लिए उपयुक्त है, लेकिन इसकी खड़ी और जोखिमपूर्ण चढ़ाई बुजुर्गों व रोगियों के लिए कठिनाईपूर्ण हो सकती है।
🔐 सुरक्षा चाक-चौबंद
यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर इस बार प्रशासन ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। करीब 50 हजार से अधिक जवानों को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर तैनात किया गया है। सीआरपीएफ, सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और आपदा बल के संयुक्त सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। NH-44 पर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी के तहत K-9 डॉग स्क्वॉड, फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) और जैमर की तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाकों में हाई अलर्ट जारी है, वहीं 581 सुरक्षाबलों की कंपनियाँ तैनात की जाएंगी।
🧘♂️ श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर
श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। पंजीकरण कराने आए एक श्रद्धालु ने कहा, “इस बार व्यवस्थाएँ शानदार हैं। आतंकियों का कोई डर नहीं है, हमें बाबा अमरनाथ पर पूरा भरोसा है।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “मैं सभी से अपील करता हूँ कि वे यहां आएं और यह संदेश दें कि आतंक की घटनाएं हमारी आस्था को नहीं डिगा सकतीं।”
🧳 यात्री मार्गदर्शन
यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और RFID कार्ड रखना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को शारीरिक फिटनेस के लिए यात्रा से पहले प्रतिदिन 4-5 किमी पैदल चलने और प्राणायाम/श्वास व्यायाम करने की सलाह दी है। यात्रा में रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, ऊनी वस्त्र, पानी की बोतल और आवश्यक दवाओं का बैग अवश्य साथ रखें।
❄️ अमरनाथ गुफा: आस्था का अद्भुत केंद्र
समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में हर वर्ष बर्फ से बनने वाला प्राकृतिक शिवलिंग—जिसे हिमानी शिवलिंग कहा जाता है—श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक Stalagmite संरचना है, जो गुफा की छत से टपकते पानी से बनती है। सूर्य की सीधी रोशनी गुफा में नहीं पहुंचने के कारण शिवलिंग लंबे समय तक जमा रहता है।
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