Rescue:नई दिल्ली – दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब करीब ढाई बजे एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई। हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10 से अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, हादसे के समय 22 से ज्यादा लोग इमारत के भीतर मौजूद थे। अब तक 14 लोगों को रेस्क्यू कर गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने चार को मृत घोषित कर दिया। घटना के तुरंत बाद एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, और दिल्ली पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। मलबा हटाने का कार्य तेज़ी से जारी है।
अचानक बदले मौसम ने बढ़ाई मुसीबत
शुक्रवार रात दिल्ली में मौसम ने अचानक करवट ली। तेज बारिश और आंधी-तूफान के कारण राजधानी के कई हिस्सों में पेड़ गिरने, बिजली गुल होने और संपत्ति के नुकसान की खबरें सामने आईं। प्रारंभिक अनुमान है कि मुस्तफाबाद की यह इमारत भी आंधी और बारिश की वजह से ही धराशायी हुई। डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने जानकारी देते हुए कहा, “रात करीब 2:50 बजे हादसे की सूचना मिली। जब हम मौके पर पहुंचे, तो देखा कि पूरी बिल्डिंग धराशायी हो चुकी है। मलबे में लोग फंसे थे। तुरंत बचाव कार्य शुरू किया गया।”
विधायक का आरोप: ‘MCD की लापरवाही का नतीजा’
घटनास्थल पर पहुंचे मुस्तफाबाद के विधायक और डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट ने इसे MCD की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही इस इमारत को खतरनाक घोषित किया था और MCD और LG को इसकी सूचना दी थी। यह हादसा रोका जा सकता था।” बिष्ट ने यह भी आरोप लगाया कि इलाके में कई अवैध और जर्जर इमारतें मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं करता। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने की घोषणा भी की।
एक हफ्ते में दूसरा हादसा
यह घटना ठीक एक हफ्ते बाद सामने आई है, जब 11 अप्रैल को मधु विहार इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत और दो घायल हो गए थे। उस हादसे में भी तेज़ आंधी को कारण बताया गया था।
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