Revenue: आबकारी विभाग की इस नई नीलामी प्रक्रिया से सरकार को उम्मीद से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है। 26% अधिक रेवेन्यू मिलने का मतलब है कि इस साल शराब दुकानों की नीलामी का तरीका अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और लाभकारी साबित हुआ है।
ई-टेंडर और बिडिंग के मिश्रित फॉर्मूले ने प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया, जिससे कई जिलों में रिजर्व प्राइस से ज्यादा बोली लगी। खासकर भोपाल, अनूपपुर और बुरहानपुर में जबरदस्त रिस्पॉन्स देखने को मिला।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- अब तक 12,500 करोड़ रुपये का राजस्व तय हो चुका है, जो पिछले साल से 23% अधिक है।
- अभी भी बचे हुए समूहों से 4,700 करोड़ रुपये की आमदनी होने की संभावना है।
- जबलपुर, राजगढ़ और दमोह में कम समूह बनने की वजह से नीलामी नहीं हो सकी थी, लेकिन अब छोटे समूह बनाए जाने से छोटे ठेकेदारों को भी मौका मिलेगा।
अगले चरण:
- 10 मार्च से नीलामी प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी।
- 13 मार्च को बिडिंग और ई-टेंडर फाइनल किया जाएगा।
- इस साल 17,000 करोड़ रुपये का कुल रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, आबकारी विभाग की नई रणनीति अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रही है, जिससे सरकारी खजाने को बड़ा फायदा मिल रहा है।
source internet… साभार….
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