कालेज के प्राचार्य, प्रोफेसर को किया निलंबित
Sacked: नर्मदापुरम(ई-न्यूज)। यूनिवर्सिटी परीक्षा की प्यून द्वारा उत्तर पुस्तिका जांचने का वीडियो वायरल होने के बाद कालेज के प्राचार्य, प्रोफेसरों को जहां निलंबित कर दिया है। वहीं प्यून,बुक लिफ्टर और अतिथि विद्वान को बर्खास्त कर दिया है। मामला पीजी कालेज का है। घटना के बाद पीजी कॉलेज पिपरिया की किरकिरी हुई और उत्तरपुस्तिका जांचने वाले प्रोफेसर्स की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। प्यून की योग्यता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इंग्लिश से एमए कर चुका है प्यून
जब प्यून के बारे में जानकारी निकाली तो उसमें सामने आया, जिस प्यून ने कॉपी का मूल्यांकन किया, वह बीए और इंग्लिश से एमए कर चुका है। पढ़ाई के महत्व को समझता है, इसलिए उसने अपने साथ अपनी पत्नी को भी पढ़ाया। इस मामले में कई जानकारियां सामने आई हैं, प्यून की कहानी बड़ी रोचक है।
वीडियो वायरल होने पर हुई थी शिकायत
पिपरिया के शहीद भगत सिंह पीजी कॉलेज में पन्नालाल पठारिया प्यून था। उसका यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाएं जांचने का एक वीडियो 31 जनवरी को सामने आया। विद्यार्थियों ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्राचार्य को बताया और विधायक ठाकुरदास नागवंशी से इसकी शिकायत की।
विधायक ने विस में उठाया था मुद्दा
विधायक ने मुद्दे पर विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री से कार्रवाई की मांग की। उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच की। करीब 2 महीने चली जांच के बाद अपर सचिव वीरन सिंह भलावी ने कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डॉक्टर रामगुलाम पटेल को 4 अप्रैल को निलंबित किया। उसके बाद 8 अप्रैल को जनभागीदारी से पदस्थ चपरासी (प्रयोग शाला परिचारक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) पन्नालाल पठारिया, हिंदी की अतिथि विद्वान खुशबू पगारे और बुक-लिफ्टर स्थायी कर्मी राकेश कुमार मेहरा को भी बर्खास्त कर दिया। विधायक नागवंशी ने कहा गलती स्वीकार नहीं की जाएगी। अगर किसी ने गलती की है तो उसकी सजा मिलनी चाहिए। साभार…
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