Sacrifice:विदिशा | मध्यप्रदेश के लटेरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत तिलोनी में स्थित ठाकुर बाबा मंदिर पर सोमवार को हुए धार्मिक आयोजन में करीब 300 बकरों की बलि दिए जाने की घटना सामने आई है। इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जिनमें सिरोंज, शमशाबाद, ब्यावरा और सुठालिया जैसे आसपास के क्षेत्रों से आए लोग शामिल थे।
🕉️ धार्मिक आयोजन और बलि की घटना
स्थानीय लोगों के अनुसार, पूजा-पाठ और भंडारे के बाद श्रद्धालुओं ने 200 मीटर दूर वटवृक्ष के पास बकरों की बलि दी। दिन भर में कुल 300 के करीब बकरों की बलि दी गई, जिसकी पुष्टि प्रत्यक्षदर्शियों ने की है।
⚠️ कानून के विरुद्ध बलि प्रथा
मध्यप्रदेश में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और बलि प्रथा पर शासकीय दिशा-निर्देश मौजूद हैं, जो ऐसे कृत्यों पर रोक लगाते हैं। बावजूद इसके, इतनी बड़ी संख्या में बकरों की बलि प्रशासन की जानकारी के बिना होना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
🗣️ प्रशासन का पक्ष: “जांच कराएंगे”
इस मामले पर लटेरी एसडीएम विनीत तिवारी से जब संपर्क किया गया, तो उन्होंने आयोजन की जानकारी से अनभिज्ञता जताई। मीडिया द्वारा जानकारी दिए जाने पर उन्होंने कहा कि जांच कराई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
🧑🌾 स्थानीय युवा की चिंता: परंपरा बनी समस्या
गांव के युवा उदय यादव का कहना है कि ठाकुर बाबा का मंदिर प्राचीन है, लेकिन बलि देने की परंपरा कुछ वर्षों पूर्व शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार लोगों को जागरूक करने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस बदलाव नहीं आया। वे चाहते हैं कि अब प्रशासन इसे संज्ञान में लेकर कदम उठाए।
📌 सप्ताह में चार दिन उमड़ती है भीड़
स्थानीय जानकारी के अनुसार, रविवार, सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मंदिर परिसर में भीड़ काफी अधिक होती है, और बड़ी संख्या में बाहरी श्रद्धालु भी आते हैं। ऐसे में यह धार्मिक स्थल एक सामाजिक और प्रशासनिक निगरानी की आवश्यकता का संकेत देता है।
🧾 सारांश
- धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए कानून का पालन अनिवार्य है।
- बलि प्रथा जहां आस्था का विषय हो सकती है, वहीं पशु क्रूरता कानून के तहत अवैध भी है।
- प्रशासन की तत्काल जांच और उचित कार्रवाई से इस तरह की घटनाओं पर रोक संभव है।
- साभार…
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