Saga: रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित है एक ऐसा अलौकिक शिवधाम — छतुरिया नाथ शिवधाम, जो ना केवल श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि दिव्यता, चमत्कार और रहस्य से भी ओतप्रोत है। यह धाम न केवल धार्मिक आस्था की मिसाल है, बल्कि श्मशान भूमि पर स्थित होने के कारण इसे “श्मशान वाले शिव” का विशेष दर्जा भी प्राप्त है।
🌿 ऋषि-मुनियों की तपोभूमि: विंध्य क्षेत्र
विंध्य की भूमि सदियों से ऋषियों की साधना भूमि रही है। यहां की पर्वतमालाएं, नदियां और वन क्षेत्र आज भी अनेक चमत्कारी गाथाओं और रहस्यमयी घटनाओं के गवाह हैं।
🔱 छतुरिया नाथ शिवधाम: उत्पत्ति की अलौकिक कथा
- यह धाम उमरी गांव (गुढ़ विधानसभा, NH-रांची रोड) में स्थित है।
- इसका निर्माण महंत रामाचार्य पाठक के पूर्वजों ने करवाया था।
- लगभग 150-200 वर्ष पहले, महंत के बाबा छत्ते पाठक को भगवान शिव ने स्वप्न में दर्शन देकर तालाब के पास शिवलिंग होने की सूचना दी।
- तालाब से जब खुदाई हुई तो 1–2 किलो वजनी दिव्य शिवलिंग मिला जिसे वहीं स्थित श्मशान में काशी विश्वनाथ की तर्ज़ पर स्थापित किया गया।
⚖️ शिवलिंग का बढ़ता आकार: चमत्कार!
- स्थापना के समय शिवलिंग का वजन मात्र 1–2 किलो था।
- आज उसका वजन 25–30 किलो हो गया है।
- हर वर्ष शिवलिंग का आकार बढ़ता है — यह एक चमत्कारी, वैज्ञानिक रूप से अप्रतिभूत घटना मानी जाती है।
🕉️ पुरातन मूर्तियाँ और ऐतिहासिक धरोहरें
- पंच गौरी की मूर्ति – 6वीं शताब्दी की।
- शार्दूल पक्षी वाली मूर्ति – 11वीं शताब्दी की (पौराणिक शास्त्रों में वर्णित)।
- यह क्षेत्र पहले पठार क्षेत्र के रूप में जाना जाता था।
🚩 श्मशान में विराजे शिव: संकटमोचक देव
- संकट के समय, जैसे महामारी या रोग, गांव वाले शिवधाम पर पूजा कर शरण में आते हैं।
- उदाहरण:
- कालरा से ग्रसित एक मरणासन्न व्यक्ति को यहां लाकर कुएं का पानी पिलाया गया, और वह पूर्णतः स्वस्थ हो गया।
- हुलकी (डायरिया) महामारी में भी गांव शिव की शरण में गया और महामारी का अंत हुआ।
🔔 मान्यताएं और श्रद्धा
- श्रावणमास, महाशिवरात्रि और नागपंचमी पर यहां विशेष पूजा होती है।
- भक्तों का मानना है कि इस धाम में सच्चे मन से की गई आराधना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
📜 संक्षेप में विशेषताएं:
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्थान | उमरी गांव, रीवा (MP) |
स्थापना | 150–200 वर्ष पूर्व |
निर्माता | महंत रामाचार्य पाठक के पूर्वज |
चमत्कार | शिवलिंग का हर वर्ष बढ़ता आकार |
मुख्य पर्व | श्रावणमास, महाशिवरात्रि, नागपंचमी |
प्रभाव | महामारी और संकटों से मुक्ति |
अन्य | पंचगौरी और शार्दूल मूर्तियाँ, पुरातन धरोहर साभार… |
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