Scam : शहडोल:– मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सरकारी धन के कथित दुरुपयोग का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक घंटे के कार्यक्रम में अधिकारियों ने 14 किलो ड्राईफ्रूट और अत्यधिक मात्रा में दूध-शक्कर की चाय का लुत्फ उठाया, जिसका भुगतान ग्राम पंचायत से करवाया गया।
📅 कार्यक्रम कब और कहाँ हुआ?
यह कार्यक्रम 25 मई 2025 को भदवाही ग्राम पंचायत में आयोजित किया गया था। इसमें कलेक्टर डॉ. केदार सिंह, जिला पंचायत सीईओ नरेंद्र सिंह, एसडीएम प्रगति वर्मा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के तहत ‘बोरी बंधान’ के जरिए झूंझा नाले में जल रोकने का कार्य किया गया।
🍘 खर्च का ब्योरा चौंकाने वाला
सोशल मीडिया पर वायरल बिलों के अनुसार:
- 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश = ₹19,010
- 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर से चाय
- 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट, 50 रसगुल्ले = अतिरिक्त ₹10,000+
- दो अलग-अलग दुकानों से काजू के दो दाम — एक जगह ₹1000/किलो, दूसरी जगह ₹600/किलो
यह सब उस कार्यक्रम के दौरान हुआ जिसमें अधिकारी मात्र एक घंटा रुके थे।
😠 ग्रामीण बोले– हमें तो खिचड़ी मिली!
भदवाही के ग्रामीणों का दावा है कि कार्यक्रम में पूड़ी-सब्जी और खिचड़ी तो बनी थी, लेकिन काजू-बादाम कहीं नहीं दिखाई दिए। उन्होंने पूछा कि जो चीजें बांटी नहीं गईं, उनका बिल कैसे लगाया गया?
🗣️ प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला पंचायत प्रभारी सीईओ एम.पी. सिंह ने कहा:
“हम कार्यक्रम में मौजूद थे, लेकिन वहां इतनी मात्रा में ड्राईफ्रूट नहीं थे। बिलों की जांच करवाई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
🚩 फर्जी बिल का खेल या सिस्टम की लापरवाही?
- काजू के दो बिल में अलग-अलग रेट दर्शाते हैं कि संभवतः फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी राशि की हेराफेरी की गई।
- एक रसगुल्ले का दाम ₹10 के बजाय ₹20 दर्शाया गया।
🌊 जल गंगा संवर्धन अभियान की मंशा पर सवाल
यह अभियान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश भर में जल स्रोतों की रक्षा और पुनरुद्धार के लिए चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी तक को इसकी प्रगति की जानकारी दी गई थी। लेकिन शहडोल जैसे जिलों में इस तरह के घोटालों से अभियान की साख को गहरा धक्का लग सकता है।
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