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Scams: स्वच्छता मिशन घोटाले में बढ़ेंगे आरोपियों के नाम

स्वच्छता मिशन घोटाले में बढ़ेंगे

पुलिस फरार आरोपियों की कर रही तलाश, 1 आरोपी ने पुलिस को भेजा पत्र

Scams: बैतूल। भीमपुर-चिचोली जनपद पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन की 13 करोड़ रुपए की राशि घोटाले मामले में पुलिस ने 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस दस्तावेज संकलित कर जांच कर रही है। बैतूल एसपी निश्चल एन झारिया ने मीडिया से चर्चा में बताया कि इसमें और भी आरोपियों के नाम बढ़ सकते हैं। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। इस घोटाले में अभी और भी तथ्य सामने आने वाले हैं। चिचोली जनपद पंचायत में 2021 से 2025 के बीच में 9 करोड़ 13 लाख 36 हजार 700 रुपए का घोटाला हुआ है। जनपद पंचायत भीमपुर में 2022 से 2025 के बीच में 4 करोड़ 8 लाख 34 हजार 520 रुपए का घोटाला हुआ है।


सोने से लदा रहता था संविदाकर्मी


स्वच्छ भारत मिशन में ब्लाक कॉडिनेटर के पद पर पदस्थ संविदाकर्मी राजेंद्र सिंह परिहार जिसका वेतन लगभग 40 रुपए प्रतिमाह था लेकिन सोने से लदे रहने वाला यह संविदाकर्मी गले में मोटी सोने की चैन, हाथों की ऊंगलियों अंगूठियां और हाथ में ब्रेसलेट सहित थार, स्कारर्पियो जैसे वाहनों से घूमने पर अधिकारियों को कभी उसके ऊपर शक नहीं हुआ। इससे लगता है कि इस गबन के मामले में उसके ऊपर वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण था। राजेंद्र सिंह परिहार ने जिस तरह फर्जी भुगतान किया है और 5 साल बाद उसका कारनामा बाहर आया है तो सवाल यही उठता है कि इन चार सालों में अधिकारियों की नजर उसके कारनामों पर क्यों नहीं गई?


ऑडिट में क्यों नहीं आई आपत्ति?


चिचोली जनपद पंचायत में 5 साल और भीमपुर जनपद पंचायत में 4 साल में 13 करोड़ से ऊपर के गबन के मामले में सबसे बड़ा सवाल ऑडिट टीम पर भी उठ रहा है। जानकार बताते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों का आडिट जिला पंचायत में किया जाता था। इन कार्यों के ऑडिट में आपत्ति नहीं आने से यह मामला और भी संदिग्ध होता जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि वर्तमान में हुई जांच में अधिकारियों को दस्तावेज नहीं मिले हैं। तो फिर इन पांच सालों में इन कार्यों का ऑडिट कैसे हुआ और अगर हुआ तो आडिट के दस्तावेज कहां पर हैं? और इन दस्तावेजों को वरिष्ठ अधिकारियों को चेक किया या नहीं किया? यह बहुत ही गंभीर मामला है जिसकी जांच की जाना चाहिए।


फरार आरोपी ने लिखा पत्र


गबन के आरोप में जनपद पंचायत भीमपुर में पदस्थ आपरेटर सुमित सोनी को भी आरोपी बनाया गया है। इस आरोपी के द्वारा थाना प्रभारी चिचोली के नाम से एक पत्र भेजा गया है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि सीईओ भीमपुर के द्वारा उस पर दबाव बनाकर झूठे बयान दर्ज करवाए हैं। इसके अलावा सुमित सोनी ने सीईओ पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हें धमकी दी जाती थी। हालांकि इस मामले में भीमपुर सीईओ अभिषेक वर्मा का कहना है कि उनके द्वारा किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाया गया है। बयान सभी के सामने दर्ज हुए थे। मामला बनने के बाद उन पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है।

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