Seen with my eyes:कानपुर– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुर एयरफोर्स स्टेशन के VIP रूम में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी के परिजनों से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 8 मिनट तक चली, लेकिन भावनाओं और संवेदनाओं से भरी इस संक्षिप्त बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी कई बार भावुक हुए।
शुभम की पत्नी ऐशन्या द्विवेदी, माता सीमा, और पिता संजय द्विवेदी से मिलते समय प्रधानमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि सरकार और पूरा देश उनके साथ है। पीएम ने ऐशन्या से पूछा, “उस दिन क्या हुआ था?” — जिस पर उन्होंने पहलगाम के बायसरन घाटी में हुए हमले का पूरा घटनाक्रम सुनाया। ऐशन्या के आंखों में आंसू देख पीएम मोदी ने उनका सिर सहलाया और कहा, “आपका बदला ले लिया गया, आगे भी ऐसा ही जवाब मिलेगा। आतंकियों को अब घुसकर मारा जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने ऐशन्या को “बहादुर बेटी” कहकर संबोधित किया और उनके धैर्य और साहस की सराहना की। उन्होंने परिवार को यह भरोसा भी दिलाया कि “आप लोगों के लिए कुछ करेंगे। फिर मिलेंगे।”
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शुभम द्विवेदी सहित 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर जवाब दिया गया।
पीएम मोदी का बयान: आतंकवाद को खत्म करना है
कानपुर में अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“शुभम की पत्नी ऐशन्या का दर्द और आक्रोश पूरे देश का आक्रोश है। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश का जवाब है। यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। दुश्मन चाहे कहीं भी हो, हौंक दिया जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ 3 सूत्रीय नीति भी स्पष्ट की:
- हर आतंकी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा — कैसे और कब, यह हमारी सेना तय करेगी।
- भारत अब किसी भी “एटम बम” की गीदड़ भभकी से नहीं डरता।
- आतंकियों और उनके सरपरस्तों को एक ही नजर से देखा जाएगा।
भावनात्मक मुलाकात, राष्ट्रीय संदेश
पीएम मोदी की इस मुलाकात ने शहीद परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का संदेश दिया है। ऐशन्या द्विवेदी ने कहा, “मोदी जी ने एक परिवार के मुखिया की तरह हमसे बात की। जो गया है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन देश और सेना हमारे साथ है, यही सबसे बड़ी राहत है।”
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