CCTV और वीडियो रिकॉर्डिंग 45 दिन में नष्ट करने के निर्देश पर भड़के कांग्रेस नेता
Sharp attack: नई दिल्ली | लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के हालिया फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शनिवार को उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग लोकतंत्र से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने में जुटा है, जबकि जनता को जवाब देने की जिम्मेदारी उसी की है। दरअसल, चुनाव आयोग ने हाल ही में अपने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चुनावों के दौरान की गई CCTV रिकॉर्डिंग, वेबकास्टिंग और अन्य वीडियो फुटेज को 45 दिनों के भीतर नष्ट कर दिया जाए। पहले यह अवधि एक वर्ष हुआ करती थी।
🔹 राहुल गांधी का तीखा बयान
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“मतदाता सूची? मशीन-रीडेबल फॉर्मेट नहीं देंगे।
CCTV फुटेज? कानून बदल कर छिपा दी।
चुनाव की फोटो और वीडियो? अब 1 साल नहीं, 45 दिन में मिटा देंगे।
जिससे जवाब चाहिए था – वही सबूत मिटा रहा है।
स्पष्ट है कि मैच फिक्स है। और फिक्स किया गया चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर है।“
उनका इशारा स्पष्ट तौर पर चुनाव आयोग की उस पारदर्शिता में कमी की ओर था, जिसके खिलाफ वह बीते कुछ समय से आवाज़ उठा रहे हैं।
🔹 आरोप: महाराष्ट्र चुनावों में गड़बड़ी
राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में गड़बड़ी के आरोप पहले भी लगा चुके हैं। उनका कहना है कि कई सीटों पर मतगणना प्रक्रिया संदिग्ध रही, और आयोग द्वारा मांगी गई मतदाता सूची और वीडियो फुटेज तक पहुंच नहीं दी गई।
🔹 चुनाव आयोग की सफाई?
हालांकि चुनाव आयोग की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आयोग का यह कहना रहा है कि फुटेज नष्ट करने का निर्णय संसाधन प्रबंधन और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
🔹 विपक्ष का आरोप: पारदर्शिता पर हमला
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि आयोग के ऐसे फैसले जनता के अधिकारों और लोकतंत्र की पारदर्शिता के खिलाफ हैं। इससे चुनावी प्रक्रियाओं में जनता का विश्वास डगमगाता है।
साभार…
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