Shubh Muhurat – हमारे जीवन में आने वाली दिक्कतों से बचने के लिए और अपने काम के लिए अनुकूल समय को जानने के लिए पंचांग में भी अच्छे मुहूर्त को देखा जाता है। मुहूर्त का धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व जाने।
हिंदू धर्म में किसी भी प्रकार के नए काम की शुरूआत करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त के बारे में जानना आवश्यक होता है। क्योंकि यह भी माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में होने वाले काम का फल हमेशा अच्छा ही होता है।
इसके चलते हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोग किसी भी प्रकार के शुभ काम, पूजा-पाठ, शादी विवाह, गृह प्रवेश जैसे अनेक कार्यो के लिए किसी ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी लेना अत्यंत आवश्यक हो जाता हैं।
दरअसल, शुभ मुहूर्त किसी भी नए काम की शुरूआत करने के लिए वह समय होता है जिसमें सभी ग्रह और नक्षत्र अच्छी स्थिति में होते हुए भी शुभ फल देते हैं।
शुभ मुहूर्त के मुताबिक, जिन्दगी में होने वाले शुभ कार्यो की शुरूआत करने के लिए एक तारीख और समय निर्धारित किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी प्रकार के शुभ काम की शुरूआत करने के लिए एक ही समय निर्धारि होता है।
चूंकि, हर एक समय ग्रहों और नक्षत्रों की चाल समय के अनुसार बदलती रहती है, जिसमें पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह की चाल शामिल होती है। जबकि, ग्रहों-नक्षत्रों की पॉजिटिव चाल पर ही शुभ मुहूर्त तय किए जाते हैं।
जानिए कैसे होती है शुभ मुहुर्त की गणना – Shubh Muhurat
बता दें कि, हमारे जीवन में आने वाली दिक्कतों और उनके अनुकूल व प्रतिकूल समय को पता कर उन्हें उस स्थिति से निकालते हुए बेहतर स्थितियों में लाने को ही काम मुहूर्त ज्योतिष का है।
यदि, कोई जातक शुभ मुहूर्त में काम करता है तो उसके कामों में सफलता मिलती है। मगर, अशुभ मुहूर्त में किए गए कार्यो का रिजल्ट आपको राजा से रंक बना सकता है। इस दौरान जैसे दिन और रात में 24 घंटे 12 राशियां लग्न घूमती करती हैं। ठीक उसी दिन और रात के बीच 30 मुहूर्त भी होते हैं,
शुभ मुहूर्त में जन्म हुए जातक शिखर तक पहुंच जाते हैं – Shubh Muhurat
ये मुहूर्त अपने-अपने नामों के अनुसार और उनके गुणों के अनुसार अपने बीच किए गए कार्यो का शुभ फल ही नहीं देते। बल्कि, मुहूर्तो के बीच पैदा होने वालें लोगों का जीवन भी इससे काफी प्रभावित होता है।
खासतौर में देखा जाता है कि शुभ मुहूर्त में पैदा हुए जातक अपनी कामयाबियों से शिखर पर पहुंचता है। जबकि, अशुभ मुहूर्त में पैदा होने वाला जातक जीवन में कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में 9 शुभ मुहूर्त हैं – Shubh Muhurat
1 – अभिजीत मुहूर्त जिसमें सभी मुहूर्तो में अभिजित मुहूर्त शुभ और लाभदायक भी माना गया है। इस मुहूर्त में हर दिन दोपहर से लगभग 24 मिनट पहले शुरू होकर ये दोपहर के अगले 24 मिनट बाद खत्म हो जाता है।
2 – रीति रिवाजों के अनुसार, चौघड़िया मुहूर्त का खास महत्व माना गया हैं। अगर, किसी शुभ कार्यो के लिए कोई अच्छा मुहूर्त न मिले तो ऐसे में चौघड़िया मुहूर्त में उस काम को किया जा सकता है।
3 – यदि किसी जातक को कोई शुभ कार्य करना ज्यादा जरूरी है तो ऐसे में अगर अच्छे मुहूर्त का असर चल रहा हो तो ज्योतिष में होरा चक्र का इंतजाम किया गया है।
4 – लग्न तालिका-विवाह मुहूर्त, मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश मुहूर्त जैसे सभी शुभ कामों के लिए मुहूर्त के लिए शुभ लग्न तालिका देखा जाता है।
5 – गौरी शंकर पंचांग को नल्ला नेरम के नाम से भी पहचाना जाता है। इसमें यह भी बताया गया है कि ये अच्छा समय होता है। इसके अलावा ये मुहूर्त बेहतर और आपके लिए लाभदायक होता है।
6 – पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है तो उसे गुरु पुष्य योग के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पुष्य नक्षत्र का सभी योगों में प्रधान है। ऐसे में इस योग में किए गए सारे कामों को शुभ माना जाता है, इस योग में शुभ कामों की शुरूआत करने के लिए अच्छा माना गया है।
7 – अमृत शुभ मुहूर्त के योग में किए सभी काम पूरे होते हैं। ऐसे में इस योग को पहले स्थान पर रखा जाता है।
8 – जबकि, सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस योग में सभी तरह की मन्नतो को पूरा करने वाला अच्छा योग भी कहलाता है। इस तरह किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है।
Source – Internet
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