Statement: जयपुर | जयपुर के विद्याधर नगर में चल रही शिवमहापुराण कथा के चौथे दिन प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने सामाजिक, पारिवारिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर विचार रखे। अपने प्रवचन में उन्होंने लव जिहाद, बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा का महत्व और पाकिस्तान से संबंधित विषयों पर श्रोताओं को संबोधित किया।
👧 बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर
प्रदीप मिश्रा ने कहा, “बेटी के लिए सबसे बड़ा धन शिक्षा है। बेटों को जितना पढ़ाना है, बेटी को उससे दोगुना पढ़ाओ। कन्यादान से ज़्यादा ज़रूरी है बेटी को आत्मनिर्भर बनाना।” उन्होंने यह भी कहा कि एक महिला ही स्वामी विवेकानंद, महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज जैसे महापुरुषों को जन्म देती है।
💬 लव जिहाद और सामाजिक सतर्कता
उन्होंने बेटियों को लव जिहाद से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “बेटियों को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए, जो दिखावे और चालाकियों से उन्हें भ्रमित करते हैं। जिन माता-पिता ने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर बेटियों को पढ़ाया, उनकी भावनाओं का सम्मान करें और शादी का निर्णय उन्हीं की इच्छा से लें।”
📢 पाकिस्तान पर भी टिप्पणी
अपने प्रवचन में मिश्रा ने एक धार्मिक संदर्भ के माध्यम से कहा, “पाकिस्तान से बदला जरूर लिया जाएगा, लेकिन जल्दबाज़ी में नहीं। युद्ध केवल गोले-बम से नहीं, बुद्धि से भी लड़े जाते हैं।”
🧘♂️ शंका और जीवन में संतुलन पर उपदेश
उन्होंने जीवन के दो मोड़ों—बचपन और 55 वर्ष की उम्र—का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन उम्रों में दिल और दिमाग को हल्का रखें। “परमात्मा, माता-पिता और पत्नी पर कभी शंका न करें, यही जीवन का संतुलन है,” उन्होंने कहा।
📍 कथा में उमड़ा जनसैलाब
शिवमहापुराण कथा के चौथे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मिश्रा के प्रवचन में धार्मिकता के साथ-साथ सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों की झलक भी देखने को मिली।
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