Story: नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में QR कोड हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे पेमेंट करना हो, वेबसाइट खोलनी हो या जानकारी शेयर करनी हो — QR कोड का इस्तेमाल हर जगह देखा जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि QR कोड का फुल फॉर्म क्या होता है और यह तकनीक काम कैसे करती है?
QR कोड का फुल फॉर्म क्या है?
QR का मतलब होता है Quick Response, यानी “तत्काल प्रतिक्रिया”। इस कोड को 1994 में जापान की कंपनी Denso Wave ने विकसित किया था। इसका मकसद था ज्यादा डेटा को तेजी से स्कैन और एक्सेस करना।
कैसे करता है काम?
QR कोड एक खास ब्लैक-व्हाइट स्क्वायर पैटर्न होता है, जो कैमरा या स्कैनर से स्कैन करने पर तुरंत जानकारी प्रदर्शित करता है। इसे वेबसाइट लिंक, पेमेंट डिटेल्स, टेक्स्ट मैसेज, फोन नंबर आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
QR कोड के प्रकार
QR कोड कई प्रकार के होते हैं —
- न्यूमेरिकल: सिर्फ संख्याएं
- अल्फान्यूमेरिक: अक्षर और संख्याएं
- बाइनरी: हाई डेटा स्टोरेज के लिए
QR कोड के उपयोग
भारत में UPI पेमेंट सिस्टम, Paytm, Google Pay, और ऑनलाइन बुकिंग जैसी सेवाओं में QR कोड का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा दुकान, रेस्टोरेंट, अस्पताल और सरकारी कार्यालयों तक में यह टेक्नोलॉजी उपयोग में लाई जा रही है।
क्या हैं फायदे?
QR कोड तेज़, सुरक्षित और टच-फ्री होता है। यह छोटे आकार में भी बड़ी जानकारी स्टोर कर सकता है और कम समय में स्कैन किया जा सकता है।
डिजिटल भारत की दिशा में एक और कदम
QR कोड आज डिजिटल इंडिया अभियान का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसकी मदद से न केवल भुगतान प्रणाली आसान हुई है, बल्कि सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी क्रांति आई है।
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