Strict Message: भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में पहली बार प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संगठन को अनुशासित, सक्रिय और सशक्त बनाने को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समय की पाबंदी, पारदर्शिता, समन्वय और जमीनी मजबूती पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक का समय तय, इंतजार नहीं
खंडेलवाल ने पदाधिकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि पार्टी बैठकों के लिए जो समय तय किया गया है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। यदि कोई विधायक या सांसद बैठक में समय पर नहीं पहुंचता तो उसके इंतजार में बैठक न रोकी जाए। उन्होंने कहा, “बैठकें तय समय पर शुरू और खत्म होनी चाहिए, तभी संगठन में कार्यसंस्कृति मजबूत होगी।”
राजनीति में मैं अकेला, किसी के नाम पर न करें भरोसा
खंडेलवाल ने पारदर्शिता का संदेश देते हुए कहा, “मेरे परिवार में सिर्फ मैं ही राजनीति में हूं। इसलिए न तो मेरे नाम का, और न ही मेरे किसी करीबी के नाम का इस्तेमाल संगठन में किया जाए। पार्टी की जो लाइन है, वही मेरी भी लाइन है। बीजेपी ही मेरा परिवार है।”
सभी जिलों में जल्द बनें कार्यालय
प्रदेश अध्यक्ष ने जिलों में पार्टी कार्यालयों की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिन जिलों में अभी कार्यालय नहीं हैं, वहां जल्द निर्माण कार्य पूरा किया जाए। साथ ही हर कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “कार्यालय सुविधाजनक हों लेकिन लग्जरी नहीं लगना चाहिए, यह सबका कार्यालय दिखाई दे।”
संगठन और सत्ता में दिखे समन्वय
खंडेलवाल ने कहा कि संगठन और सत्ता के बीच फासला नहीं होना चाहिए। दोनों एक रूप में दिखें, ताकि पार्टी की नीतियों और कार्यप्रणाली का सीधा लाभ जनता को मिले।
कमजोर बूथों को मजबूत करें
इस अवसर पर प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। “अब जिन बूथों पर हम कमजोर रहे हैं, वहां विशेष फोकस कर पार्टी को मजबूत बनाना होगा,” उन्होंने कहा।
जिला अध्यक्षों की भूमिका अहम: प्रदेश प्रभारी
प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि संगठन में जिला अध्यक्षों की भूमिका सबसे अहम होती है। “आपसी समन्वय, सतर्कता और निरंतर संवाद से ही संगठन को नई ऊंचाई दी जा सकती है। यह संगठन करोड़ों कार्यकर्ताओं के परिश्रम का परिणाम है।”
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