डेडलाइन तक न लौटने पर गिरफ्तारी संभव
Strict order: नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने रविवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए उन पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है, जो तय समयसीमा के भीतर भारत नहीं छोड़ेंगे। यदि निर्धारित डेडलाइन तक वे देश नहीं छोड़ते हैं, तो उनके खिलाफ ‘इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट 2025’ के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत तीन साल तक की जेल, तीन लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
सरकारी नोटिस के मुताबिक, SAARC वीजा धारकों को 26 अप्रैल, जबकि मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ना अनिवार्य किया गया है। तय समयसीमा खत्म होने के बाद बीते तीन दिनों में कुल 537 पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर के रास्ते अपने देश लौट चुके हैं। इसी दौरान 850 भारतीय नागरिक भी पाकिस्तान से वापस आए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही स्पष्ट किया था कि पाकिस्तानी नागरिकों के 14 वीजा श्रेणियों को रद्द किया जा रहा है। इनमें विजिटर वीजा, बिजनेस वीजा, जर्नलिस्ट वीजा, कॉन्फ्रेंस वीजा, ट्रांजिट वीजा, स्टूडेंट वीजा, फिल्म वीजा, माउंटेनियरिंग वीजा और पिलग्रिम वीजा जैसी श्रेणियां शामिल हैं।
विशेष प्रावधान मेडिकल वीजा धारकों के लिए
सरकार ने मानवीय आधार पर मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों और उनके अटेंडेंट्स को 29 अप्रैल तक की अतिरिक्त मोहलत दी है। उन्हें इलाज के सभी दस्तावेज तैयार रखने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि जांच के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
राजनयिकों पर भी सख्ती
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत डिफेंस, नेवी और एयरफोर्स विंग के अधिकारियों को ‘अनवांटेड पर्सन’ घोषित कर दिया गया है। उन्हें 30 अप्रैल तक भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
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