कर्ज में डूबे थे, पंचकूला में कथा सुनने के बाद कार में जहर खाया
Suicide: पंचकूला | हरियाणा के पंचकूला जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। कर्ज में डूबे एक कारोबारी परिवार के सात सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। सभी ने एक कार में जहर खाकर जान दे दी। सोमवार देर रात यह वारदात सेक्टर-27 क्षेत्र में हुई। मृतकों में प्रवीण मित्तल (बिजनेसमैन), उनकी पत्नी रीना, माता विमला, पिता देशराज, बेटा हार्दिक (14), जुड़वां बेटियां हिमशिखा और दलिशा (11) शामिल हैं। सभी का शव कार के अंदर मिला। कार में मौजूद प्रवीण को जिंदा पाया गया था, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
📍 धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनकर लौटे थे
परिवार सोमवार को पंचकूला के सेक्टर-5 में चल रही बागेश्वर धाम सरकार (धीरेंद्र शास्त्री) की कथा सुनने गया था। लौटते समय उन्होंने कथित रूप से कार में जहर खा लिया। पुलिस को घटनास्थल से दो पेज का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है – “मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं, मेरी वजह से ही यह सब हुआ।”
🔎 घटनाक्रम और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी
प्रत्यक्षदर्शी हर्ष, जो मकान नंबर 1204 में रहते हैं, ने बताया कि रात करीब 10:30 बजे मकान मालिक ने एक कार को संदिग्ध स्थिति में देखा। जब पास जाकर देखा तो उसमें कई लोग बेहोश थे।
एक व्यक्ति (प्रवीण मित्तल) होश में था, जिसने बताया कि वे होटल न मिलने की वजह से गाड़ी में सो गए थे। गाड़ी में उल्टियों के निशान और बदबू मिलने पर संदेह हुआ और तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। अस्पताल ले जाते समय प्रवीण की भी मौत हो गई।
📄 सुसाइड नोट की मुख्य बातें
- “मैं दिवालिया हो चुका हूं, मेरी वजह से ये सब हुआ।”
- “मेरे ससुर को कुछ मत कहना।”
- “अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी मामा का बेटा निभाएगा।”
💰 कर्ज का दबाव और टूटती उम्मीदें
प्रवीण के ससुर राकेश गुप्ता के अनुसार, उन्होंने लगभग 10 साल पहले एक करोड़ रुपये का लोन लिया था और देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया, जो घाटे में चला गया। बैंक ने उसे “भगोड़ा” घोषित कर दिया था।
परिवार पिछले कुछ महीनों से मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में किराए के मकान में रह रहा था। आर्थिक तंगी के चलते वे दोबारा पंचकूला लौटे थे।
🧾 पुराना कारोबारी इतिहास
- हिसार के बरवाला के निवासी थे।
- कभी स्क्रैप फैक्ट्री चलाते थे।
- 20 करोड़ रुपये तक कर्ज हो चुका था।
- देहरादून के कौलागढ़ में किराए के मकान में रहते थे।
- अंतिम दिनों में टैक्सी चलाकर परिवार पालने की कोशिश कर रहे थे।
🚗 जिस गाड़ी में सुसाइड हुआ, वह प्रवीण की नहीं थी
कार देहरादून निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिन्होंने बताया कि उन्होंने यह कार एक NGO के काम के दौरान दोस्त बने प्रवीण को फाइनेंस करवा कर दी थी। प्रवीण एक समय “चाइल्ड लाइफ केयर मिशन” नाम से NGO चलाते थे।
📌 पुलिस जांच जारी
पुलिस ने कार जब्त कर ली है और सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच कर रही है। जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में लिखे हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है।
साभार….
Leave a comment