Support: श्रीनगर/नई दिल्ली। पहलगाम के बायसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन जारी है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अब भी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हुए हैं। उनके पास पर्याप्त राशन और संसाधन हैं, जिससे वे लंबे समय तक पहाड़ी इलाकों में छिपे रह सकते हैं।
इस हमले में 26 टूरिस्टों की मौत हो गई थी, जबकि 17 अन्य घायल हुए थे। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के प्रमुख सदानंद दाते ने गुरुवार को बायसरन घाटी का दौरा किया और घटनास्थल पर तीन घंटे तक रुककर जांच का जायजा लिया। इस बीच, अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शुक्रवार को कहा, “अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।” वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा समर्थन देने की बात दोहराई है।
दूसरी ओर, भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ता दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने फॉरवर्ड पोस्ट्स पर अपनी सेना तैनात कर दी है, जिसमें चीन से प्राप्त तोपें भी शामिल हैं। इस स्थिति को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
इधर, 14 श्रेणियों के वीजा धारक पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तारीख 29 अप्रैल थी। इसके बावजूद करीब 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं क्योंकि दोनों देशों ने सीमा को फिलहाल बंद कर रखा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से अपील की है कि वह भारत पर “जिम्मेदारी से पेश आने” और “बयानबाजी कम करने” का दबाव बनाए। शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से यह भी कहा कि भारत के उकसाने वाले रवैये से क्षेत्रीय हालात और खराब हो सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता से साफ है कि आतंकियों की तलाश और सीमा सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।
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