इंदौर की एआरसी फार्मा में मिलीं 216 खामियां
बदबूदार कपड़ों से छानकर भरी जा रही थीं बोतलें, सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया संज्ञान
Syrup: भोपाल/छिंदवाड़ा/इंदौर। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीला कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने से मंगलवार को दो और बच्चों की मौत हो गई। दोनों बच्चे नागपुर में भर्ती थे। इस तरह इस सिरप से अब तक 19 मासूमों की जान जा चुकी है।
घटना के बाद इंदौर की दवा कंपनी एआरसी फार्मास्युटिकल्स जांच के घेरे में आई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के निर्देश पर केंद्र और राज्य की संयुक्त टीम ने कंपनी का रिस्क-बेस्ड इंस्पेक्शन किया।
तीन दिन चली इस जांच की 89 पेज की रिपोर्ट में 216 खामियों का खुलासा हुआ है, जिनमें 23 बेहद गंभीर (क्रिटिकल) बताई गई हैं।
🧪 फंगस वाला पानी और गंदे ड्रम में सिरप
रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी में फंगस वाले पानी से सिरप तैयार किया जा रहा था, जिसे गंदे और बदबूदार कपड़ों से छानकर प्लास्टिक के डिब्बों में रखा जा रहा था। सिरप की शकर की चाशनी गैस स्टोव पर बनाई जा रही थी, जो नियमों के पूरी तरह खिलाफ है। जांच में 50-60 लीटर का गंदा नीला ड्रम मिला, जिसमें सिरप सस्पेंशन भरा था।
“कंपनी के पास डायएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसी जहरीली रसायनों की मात्रा की जांच करने की कोई प्रक्रिया नहीं थी।” — जांच रिपोर्ट से खुलासा
🧴 बिना चेतावनी लेबल के बोतलें, गलत स्टोरेज
जांच में पाया गया कि
- बोतलों पर चार साल से छोटे बच्चों के लिए चेतावनी लेबल नहीं था।
- रिजेक्टेड दवाओं को रखने के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं थी।
- फैक्ट्री में कर्मचारी जूते-चप्पल पहनकर सीधे उत्पादन क्षेत्र में जा रहे थे।
- दवाओं के स्टोरेज का तापमान मेंटेन नहीं किया जा रहा था।
- रातभर खुले ड्रमों में रखे सिरप को सुबह बोतलों में भरा जा रहा था।
🧍♂️ पूर्व स्टेट ड्रग कंट्रोलर बोले—216 खामियों वाली फैक्ट्री को उत्पादन की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए
“यदि किसी फैक्ट्री में 216 खामियां हैं, जिनमें 23 अति गंभीर हैं, तो उत्पादन की अनुमति नहीं होनी चाहिए। फंगस वाला पानी दवा को निश्चित रूप से जहरीला बनाता है। सरकार को शेड्यूल-एम का सख्ती से पालन कराना होगा।”
— नरेंद्र आहूजा, पूर्व स्टेट ड्रग कंट्रोलर, हरियाणा
⚖️ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप से मौतों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
मंगलवार को एक याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर CBI जांच की मांग की है। साथ ही देश में दवाओं की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की समीक्षा की भी मांग की गई है।
📉 क्या है एआरसी फार्मा का मामला
- कंपनी इंदौर स्थित है और पहले भी कुछ उत्पादों को लेकर सवाल उठ चुके हैं।
- 27 से 29 सितंबर के बीच पांच सदस्यीय टीम ने कंपनी की जांच की थी।
- रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि उत्पादन प्रक्रिया स्वच्छता, परीक्षण और सुरक्षा मानकों से बहुत नीचे है।
- सिरप उत्पादन फिलहाल रोक दिया गया है।
- साभार…
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