Tariff: इंदौर | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत टैरिफ के फैसले के बाद इंदौर और पीथमपुर क्षेत्र के उद्योगों में घबराहट का माहौल नहीं है। उद्योग जगत इसे एक नई संभावनाओं वाला मौका मान रहा है और बदलती परिस्थितियों का विश्लेषण कर रहा है।
✅ दवाओं पर टैरिफ से छूट से बड़ी राहत
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष डॉ. गौतम कोठारी ने बताया कि अमेरिका की नई टैरिफ नीति में दवाओं जैसे प्रमुख निर्यात उत्पादों को छूट दी गई है, जिससे क्षेत्र के दवा उद्योगों पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। पीथमपुर क्षेत्र में मौजूद स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में 100 से अधिक इकाइयां हैं, जिनमें से अधिकांश निर्यात-आधारित हैं।
📉 चीन से महंगे आयात के चलते भारत को मिल सकता है लाभ
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन पर भारत की तुलना में अधिक टैरिफ लगाए जाने से अमेरिका के लिए भारत से आयात करना सस्ता पड़ेगा। इससे अमेरिकी आयातक और उपभोक्ता चीन की जगह भारत से व्यापार की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
🌱 सोया और इंजीनियरिंग सेक्टर कर रहे रणनीति तैयार
दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डी.एन. पाठक ने बताया कि सोया सेक्टर पर फिलहाल स्पष्टता नहीं है, पर अमेरिका पहले से ही इस पर 200% तक टैक्स लगा चुका है।
इसी तरह इंजीनियरिंग सेक्टर में भी इंदौर की प्रमुख कंपनियों ने पहले से ही अमेरिका में यूनिट स्थापित कर रखी हैं, जिससे उन पर तत्काल असर नहीं पड़ेगा।
🌍 टैरिफ को ग्लोबलाइजेशन जैसा अवसर मानें: उद्योग संगठन
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र के अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि टैरिफ से भारतीय उद्योगों के बजाय अमेरिकी उपभोक्ता अधिक प्रभावित होंगे। यह भारतीय उद्योगों के लिए निर्यात बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पकड़ मजबूत करने का मौका है।
हालांकि अमेरिका की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है, पर इंदौर-पीथमपुर के उद्योग इसे चुनौती से ज्यादा अवसर मान रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यदि भारतीय कंपनियां खुद को तकनीकी और गुणवत्ता के स्तर पर अपडेट करें, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी छलांग संभव है।
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