2026 तक 30% गिरावट की आशंका
Tariff: नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नई टैरिफ नीति का असर भारत के निर्यात पर साफ दिखने लगा है। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का अमेरिका को होने वाला निर्यात वित्त वर्ष 2026 तक 30 प्रतिशत घटकर 60.6 अरब डॉलर रह सकता है। वित्त वर्ष 2025 में यह आंकड़ा 86.5 अरब डॉलर था।
7 अगस्त से लागू होंगे टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% आयात शुल्क (टैरिफ) 7 अगस्त से लागू होंगे, जिनका असर अधिकांश भारतीय उत्पादों पर पड़ेगा। हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा उत्पाद, महत्वपूर्ण खनिज और सेमीकंडक्टर जैसे कुछ विशेष क्षेत्रों को छूट दी गई है।
किस सेक्टर को कितना नुकसान?
- वस्त्र उद्योग:
बुने और बिना बुने हुए वस्त्र (2.7 अरब डॉलर) पर 38.9% और 35.3% टैरिफ, जो वियतनाम, बांग्लादेश और कंबोडिया की तुलना में कहीं अधिक है।
तैयार वस्त्र (तौलिए, चादर आदि) पर 34% शुल्क। - झींगा (Shrimp) निर्यात:
2 अरब डॉलर के निर्यात पर 25% शुल्क, जबकि भारत वैश्विक झींगा आपूर्ति में 32% योगदान देता है। - हीरे और आभूषण:
10 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात पर 27.1% टैरिफ, यह भारत के इस सेक्टर के वैश्विक व्यापार का 40% हिस्सा है। - धातु निर्यात:
4.7 अरब डॉलर के स्टील, एल्युमिनियम, तांबा आदि उत्पाद प्रभावित होंगे। - इंजीनियरिंग और ऑटो पार्ट्स:
मशीनरी (6.7 अरब डॉलर) और ऑटो पार्ट्स (2.6 अरब डॉलर) पर 26% से अधिक शुल्क। - पेट्रोलियम उत्पाद:
4.1 अरब डॉलर का निर्यात अभी टैरिफ-मुक्त है, लेकिन रूसी कच्चे तेल के उपयोग पर संभावित दंड चिंता का विषय है।
GTRI के सुझाव
- ब्याज समकारी योजना (Interest Equalization Scheme) को दोबारा शुरू किया जाए, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट और 5 साल की समयसीमा हो।
- निर्यात सहायता केंद्र (Export Helpdesk) की स्थापना।
- व्यापार समझौतों का रणनीतिक उपयोग।
- नए निर्यातकों को प्रोत्साहन और प्रशिक्षण।
- साभार..
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