उज्जैन महाकुंभ हैकाथान में युवाओं ने दिखाया नवाचार का दम
Technology: भोपाल। सिंहस्थ-2028 को स्मार्ट, सुरक्षित और समावेशी बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने तकनीकी नवाचार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। भीड़ प्रबंधन, सार्वजनिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और गतिशीलता जैसी चुनौतियों के समाधान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा-आधारित तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसी उद्देश्य से ‘उज्जैन महाकुंभ हैकाथान-2025’ का आयोजन भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) में किया गया।
दो दिवसीय इस आयोजन में देशभर के युवाओं ने सिंहस्थ-2028 के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत किए। मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित हैकाथान में 26 राज्यों से पंजीकरण और 11 राज्यों की 36 टीमों ने हिस्सा लिया। टीमों ने स्मार्ट गवर्नेंस से लेकर डिजिटल भीड़ नियंत्रण तक कई इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पेश किए।
इंदौर की टीम ‘जंगोह’ ने ‘सिंहथा यूनिफाइड प्लेटफॉर्म’ पेश किया, जो स्थानीय भाषाओं में एआई-संचालित सहायता और रीयल-टाइम अपडेट प्रदान करता है। वहीं ‘सेल्फ सर्व बूथ’ ने 6डी वर्चुअल रियलिटी अनुभव तैयार किया जो वैश्विक दर्शकों को कुंभ के वातावरण से जोड़ता है। ‘संचार वारियर’ टीम ने रीयल-टाइम भीड़ निगरानी और चेतावनी प्रणाली बनाई जो आपात स्थितियों में मूक रिपोर्टिंग की सुविधा देती है। इसके अलावा ‘मेडीवेंड’ टीम ने वॉइस-इंटरफेस युक्त मेडिकल वेंडिंग प्लेटफॉर्म प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे, नगरीय प्रशासन आयुक्त संकेत एस. भोंडवे सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। उन्होंने युवाओं के नवाचारों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन विजन को नई दिशा देगी।
अगले दो महीनों में चयनित टीमें अपने प्रोजेक्ट्स को और विकसित करेंगी, ताकि सिंहस्थ-2028 के लिए तकनीकी, स्थायी और समावेशी समाधान तैयार किए जा सकें। उज्जैन महाकुंभ हैकाथान ने तकनीक, संस्कृति और नवाचार के संगम का उदाहरण पेश किया है।
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