Tourism is at a standstill: श्रीनगर | 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को गहरा झटका दिया है। तीन महीने बाद भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं। अमरनाथ यात्रा भले जारी है, लेकिन सामान्य टूरिस्टों की आमद लगभग बंद हो गई है। पर्यटन पर निर्भर हजारों परिवार आज कर्ज और बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे हैं।
🔻 पीक सीजन में सन्नाटा, 90 दिन की कमाई खत्म
अप्रैल, मई और जून कश्मीर में पर्यटन का सबसे व्यस्त सीजन होता है। हाउस बोट, होटल, टैक्सी, घोड़े वाले और बाजार—सभी की अर्थव्यवस्था इन्हीं महीनों पर टिकी होती है। लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग है।
डल झील, बोट हाउस, लाल चौक जैसे फेमस स्पॉट खाली पड़े हैं। श्रीनगर में हाउस बोट चलाने वाले मोहम्मद याकूब बताते हैं,
“पहले तीन कमरों की हाउस बोट से रोज़ 13,500 की कमाई होती थी। अब महीने में मुश्किल से कुछ हजार ही आ रहे हैं। बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं भर पाए, स्कूल ने एग्जाम में नहीं बैठने दिया।”
💬 “कुदरत का करिश्मा है कि जिंदा हैं” – मोहम्मद याकूब
1916 से चले आ रहे ‘न्यू गोल्डन फ्लावर’ हाउस बोट के मालिक याकूब कहते हैं कि उन्हें माधवराव सिंधिया, लता मंगेशकर, शम्मी कपूर जैसे मेहमानों की याद है, लेकिन अब स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि
“हमें प्री-बुकिंग कैंसिल कर पैसे लौटाने के लिए घर का सोना तक बेचना पड़ा।”
📉 गुलमर्ग में भी 80% गिरावट, सिर्फ 20% टूरिस्ट
गुलमर्ग, जो गर्मियों में भीड़ से भरा रहता है, वहां भी हालात बुरे हैं। ATV बाइक चलाने वाले मोहम्मद सुभान कहते हैं:
“पहले दिन के 3-4 हजार कमा लेते थे, अब मुश्किल से 300-400 रुपये। बच्चों की पढ़ाई के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।” ATV ड्राइवर शब्बीर अहमद बताते हैं: “पहले रोज़ 10,000 गाड़ियां आती थीं, अब सिर्फ 100-150। 108 ड्राइवर खाली बैठे हैं।”
💬 विदेशी टूरिस्ट बोले- डरने की जरूरत नहीं
गुलमर्ग में ताइवान और इटली से आई महिला टूरिस्ट्स ने कहा,
“हमें यहां बहुत सुरक्षा और प्यार मिला। सब कुछ सुरक्षित और साफ है।”
राजस्थान के कन्हैयालाल जैसे टूरिस्ट्स भी कहते हैं,
“पहलगाम हमले से डर था, लेकिन यहां आकर सब ठीक लगा। सुरक्षा बहुत मजबूत है। लोग बेहद मेहमाननवाज़ हैं।”
🔐 लाल चौक और बाजार सुनसान, व्यापारी मायूस
लाल चौक, जो सेल्फी प्वाइंट और खरीदारी के लिए मशहूर है, अब लगभग सूना है। एक दुकानदार ने बताया,
“जवान लड़के कश्मीर छोड़कर बाहर काम करने जा रहे हैं। जो रह गए हैं, वो खाली दुकानों में बैठे हैं।”
🚧 अमरनाथ यात्रा के चलते पहलगाम और सोनमर्ग बंद
अमरनाथ यात्रा के कारण सोनमर्ग और पहलगाम के कई टूरिस्ट स्पॉट फिलहाल बंद हैं। बायसरन घाटी और बेताब वैली भी बंद हैं। पहलगाम में टैक्सी ड्राइवर एजाज अहमद कहते हैं,
“हमले के बाद कुछ दिनों के लिए टूरिस्ट स्पॉट खुले थे, फिर यात्रा के कारण फिर से बंद हो गए। काम सिर्फ अमरनाथ यात्रियों तक सीमित है।”
🛡️ प्रशासन ने किया सख्त सुरक्षा प्रबंध
गुलमर्ग डेवलपमेंट अथॉरिटी के CEO तारिक हुसैन ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा,
“टूरिज्म हमारी इकोनॉमी की रीढ़ है। हर घर में इसका असर है। प्रशासन ने कई कॉन्फ्रेंस कर हालात सुधारने की कोशिश की है। धीरे-धीरे सुधार आ रहा है।” “गुलमर्ग में जम्मू-कश्मीर पुलिस, BSF, CRPF और सेना पूरी तरह अलर्ट है।”
📣 सरकार से अपील: ‘बस रोज़ी-रोटी चलवा दो’
व्यापारी, होटल वाले, ड्राइवर और गाइड सभी सरकार से सीधी मदद की मांग कर रहे हैं।
Leave a comment