Future Smart Cars – देश में स्मार्ट कार टेक्नोलॉजी से अगले दो साल में ऑटोमोबाइल सेक्टर की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाली है। गाड़ियां ज्यादा स्मार्ट, इंटेलिजेंट और कनेक्टेड हो रही हैं। इंटरनेट कनेक्टिविटी से फोर व्हीलर्स के साथ टू व्हीलर्स में कई समस्याओं को ठीक करने के लिए सर्विस सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी।
बेंगलुरु में चल रहे कनेक्टेड, ऑटोनॉमस और इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपो में भाग ले रही लगभग 60 से ज्यादा देशी- विदेशी कंपनियां इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) 4.0 और कनेक्टिविटी के नए लेवल पर काम कर रही हैं। 2022 के आंकड़ों के मुताबिक भारत का कनेक्टेड कार मार्केट 95 हजार करोड़ रुपए से अधिक का है।
3 लाख करोड़ से ज्यादा का लगाया अनुमान
अगले 5 साल में 21 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर के साथ इसके 3 लाख करोड़ से ऊपर पहुंचने का अनुमान है। ताइवान की टाइसिस इंडिया के एमडी अभिषेक सक्सेना का कहना है कि भारत में जल्द ही निर्माताओं को गाड़ियों में कनेक्टिंग डिवाइस लगाना जरूरी होगा।
ईवी की कीमत में आ सकती है 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी | Future Smart Cars
कई विदेशी कंपनियों जैसे बॉश, हेक्सागॉन, मर्सिडीज बेंज, डेमलर, फोर्ड मोटर्स और हरमन ने भारत में अपने आरएंडडी सेंटर खोले हैं जहां पर ऑटोमेशन और कनेक्टिविटी पर रिसर्च हो रही है।
चार्जिंग इकोसिस्टम का भी विस्तार हो रहा है।
टेलिमैटिक्स कंपनी टेल्टोनिका के ईवीपी पराग अग्रवाल ने आशा जताई कि टेक्नोलॉजी में सुधार से अगले दो साल में ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) की संख्या बढ़ेगी।
ईवी की कीमत में 20 से 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। चार्जिंग इकोसिस्टम का भी विस्तार हो रहा है। इन्फोसिस के साथ मिलकर ऑटोनॉमस व्हीकल बना रही कंपनी मैनी गु्रप के बिजनेस हेड आर प्रहलाद का कहना है कि भविष्य मैक्रोट्रॉनिक्स का है। इसमें मैकेनिकल, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स से वाहनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी।
कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी से वाहनों का पेमेंट वॉलेट भी होगा | Future Smart Cars
वाहन का अपना क्यूआर कोड होगा। पेमेंट वॉलेट से ईएमआईए टोल टैक्स, मेंटेनेंस की रकम ऑटो डेबिट हो जाएगी। व्हीकल पर लोन मिलने में आसानी होगी। लोन देने वाली कंपनी वाहन को आसानी से ट्रैक कर सकेगी। ग्राहकों को भी कम दरों पर लोन मिल सकेगा।
कनेक्टेड टेक के 5 लेवल, देश में लेवल टू पर काम
व्हीकल टू इन्फ्रास्ट्रक्चर – वाहन की इंटरनेट से कनेक्टिविटी। भारत में अधिकांश कारों में अभी यही टेक्नोलॉजी।
व्हीकल टू व्हीकल – दो कारें आपस में संचार कर सकती हैं। अभी इस टेक्नोलॉजी पर भारत में काम चल रहा है।
व्हीकल टू क्लाउड – इसमें गाड़ी का संपर्क और एक्सेस क्लाउड स्पेस से होता है।
व्हीकल टू पेडेस्ट्रियन – वाहन पैदल चलने वालों से भी संचार कर सकता है।
व्हीकल टू एवरीथिंग – वाहन सड़क पर सभी गाड़ियों, ड्राइवर से सूचना ले सकता है।
उत्तरी अमेरिका और यूरोप में लेवल 3 और 4 की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल हो रही है।
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