Urban Development Plan: भोपाल। मध्यप्रदेश में शहरी सीमाओं से लगी ग्राम पंचायतों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों की सीमा से सटी ग्राम पंचायतें अब नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड की तरह आवासीय प्रोजेक्ट विकसित कर सकेंगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए सेमी अर्बन एरिया डेवलपमेंट प्लान तैयार किया है, जिसे इस महीने के अंत तक अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है।
16 शहरों से लगी 273 ग्राम पंचायतें चयनित
राज्य के 16 नगर निगमों—भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, सतना, रीवा, छिंदवाड़ा, देवास, रतलाम, कटनी, मुरैना, खंडवा, सिंगरौली और बुरहानपुर— की शहरी सीमा से लगने वाली 273 ग्राम पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के लिए चिह्नित किया गया है। ये क्षेत्र तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे हैं।
इस महीने अंतिम मंजूरी
पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल की पहल पर तैयार ड्राफ्ट पर 24 से 26 नवंबर तक भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में सरपंचों के साथ चर्चा होगी। सुझावों को शामिल कर अंतिम सप्ताह में प्लान को मंजूरी दी जाएगी।
गांवों को होंगे बड़े फायदे
- शहर से गांवों में पहुंचने वाले सीवेज वेस्ट का ट्रीटमेंट अब पंचायत खुद प्लान कर सकेगी।
- गांवों की सड़कों का निर्माण अगले 20–25 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
- शहरों में ट्रैफिक लोड कम करने के लिए बनने वाले बायपास गांव की स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएंगे।
शहरीकरण पर लगेगी लगाम
शहरों में प्रॉपर्टी महंगी होने से लोग गांवों में तेजी से अवैध कॉलोनियां बसाते हैं। नए सिस्टम में ग्राम पंचायतें अनियंत्रित शहरीकरण पर नियंत्रण कर सकेंगी और नियोजित विकास लागू कर पाएंगी।
जनपद पंचायत इंजीनियर देंगे बिल्डिंग परमिशन
प्लान के तहत ग्राम पंचायत क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए जनपद पंचायत के इंजीनियर को बिल्डिंग परमिशन देने का अधिकार दिया जा सकता है। जिला पंचायत स्तर पर एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करने पर भी विचार हो रहा है।
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