Verification: रेलवे बोर्ड का यह निर्णय यात्री सुरक्षा और रेलवे संपत्ति की रक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु:
🔹 अनिवार्य सत्यापन: अब सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होगा, खासतौर पर कैटरिंग और वेडिंग स्टाफ के लिए।
🔹 कारण: बीते समय में चोरी, उत्पीड़न और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाओं में आउटसोर्स कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई थी।
🔹 ऑनलाइन प्रक्रिया: सत्यापन अब ऑफलाइन की जगह डिजिटल माध्यम से होगा, जिससे तेजी और पारदर्शिता आएगी।
🔹 सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका: जबलपुर मंडल में आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस विभाग को इस कार्य की जिम्मेदारी दी गई है।
🔹 प्रभाव: इस निर्णय से रेलवे यात्रियों को अधिक सुरक्षा मिलेगी और अपराधियों की पहचान में आसानी होगी।
क्या यह कदम पर्याप्त होगा?
हालांकि यह निर्णय सकारात्मक है, लेकिन सख्त निगरानी और नियमित जांच भी जरूरी होगी ताकि यह प्रक्रिया केवल कागजी कार्रवाई बनकर न रह जाए। रेलवे को इस नियम का कड़ाई से पालन कराना होगा और अगर कोई कर्मचारी बिना सत्यापन के कार्यरत पाया जाता है तो ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए।
आपका क्या मानना है, क्या यह फैसला रेलवे सुरक्षा को बेहतर बना पाएगा?
source internet… साभार….
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