Water Ambulance: महाकाल की नगरी उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व को और अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए पहली बार प्रयागराज महाकुंभ के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। प्रयागराज में इस्तेमाल किए गए स्नान, सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के बेहतरीन तरीकों को उज्जैन में लागू करने की तैयारी की जा रही है।
प्रयागराज कुंभ से उज्जैन सिंहस्थ तक सीखने की प्रक्रिया
- उज्जैन के एसपी प्रदीप शर्मा और कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने प्रयागराज का दौरा कर वहां के स्नान प्रबंधन, सुरक्षा उपाय, और भीड़ नियंत्रण के तरीकों का अध्ययन किया।
- उन्होंने पाया कि उज्जैन का कुंभ शहर के भीतर होता है, जबकि प्रयागराज कुंभ शहर से बाहर आयोजित होता है, जो व्यवस्थाओं में बड़ा अंतर लाता है।
- प्रयागराज के वॉटर एम्बुलेंस, आपातकालीन सेवाओं, और तकनीकी उपायों को उज्जैन में अपनाने की योजना बनाई जा रही है।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां
- सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन:
- सिंहस्थ में 20 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना के मद्देनजर 42,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- पुलिस बल के लिए मेला क्षेत्र में स्थायी आवास बनाए जाएंगे।
- एक हाईटेक कंट्रोल रूम स्थापित होगा, जहां वॉकी-टॉकी के साथ एलईडी स्क्रीन से संवाद की सुविधा होगी।
- फोर्स की ड्यूटी एक ही क्षेत्र में स्थिर रहेगी, ड्यूटी पाइंट बार-बार बदले नहीं जाएंगे।
- वॉटर एम्बुलेंस का उपयोग:
- शिप्रा नदी में तीन से चार स्थानों पर वॉटर एम्बुलेंस का संचालन होगा।
- आपात स्थिति में भीड़ से तेजी से निकलकर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में यह सेवा सहायक होगी।
- स्नान व्यवस्था:
- स्नान घाटों की व्यवस्था को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयागराज के मॉडल को अपनाया जाएगा।
- तकनीकी उपाय:
- मेला क्षेत्र में बेहतर संचार और निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होगा।
उज्जैन में सिंहस्थ के लिए नई दृष्टि
प्रयागराज महाकुंभ के अनुभव उज्जैन सिंहस्थ को और अधिक व्यवस्थित, श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने में सहायक होंगे। वॉटर एम्बुलेंस, स्थायी पुलिस कंट्रोल रूम, और हाईटेक प्रबंधन जैसे उपाय पहली बार उज्जैन में अपनाए जाएंगे। इस बार का सिंहस्थ महापर्व पहले से अधिक प्रगतिशील और प्रबंधन के नए मानकों को स्थापित करने वाला होगा।
source internet… साभार….
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