White Revolution: मध्यप्रदेश अपने खाद्य और डेयरी उद्योग में वैश्विक निवेश को आकर्षित करने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार “सीड टू शेल्फ” थीम के तहत ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन कर रही है, जिसमें निवेशकों को खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्य बिंदु:
“फ़ूड बास्केट” बनने की ओर अग्रसर: राज्य की समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत तकनीकों ने इसे देश का प्रमुख कृषि राज्य बनाया है।
श्वेत क्रांति का विस्तार:
- 2012-2023 के बीच दूध उत्पादन में तेज़ी से वृद्धि हुई।
- प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 591 ग्राम/दिन, जिससे MP छठे स्थान पर है।
- दूध उत्पादन में 8.73% का राष्ट्रीय योगदान।
MSMEs को प्रोत्साहन:
- खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता।
बड़े निवेशकों के लिए विशेष सुविधाएं:
- ₹50 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन।
- कोल्ड चेन और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग।
PMFME योजना का लाभ:
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी द्वारा आर्थिक सहायता।
वैश्विक कंपनियों का निवेश:
- PepsiCo, Coca-Cola, Amul जैसी कंपनियां पहले ही निवेश कर चुकी हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फ” थीम
25 फरवरी 2025 को होने वाले इस समिट में सरकार कृषि, बागवानी और खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देगी।
निवेशकों और उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों पर चर्चा होगी।
मध्यप्रदेश को वैश्विक खाद्य और डेयरी हब बनाने की दिशा में यह समिट एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
source internet… साभार….
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