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Worried: पहलगाम हमले के बाद टूरिस्ट इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर

पहलगाम हमले के बाद टूरिस्ट इंडस्ट्री

होटलों में नहीं हो रही है बुकिंग, व्यापारी हो रहे परेशान

Worried: जम्मू(ई-न्यूज)। पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए हमले के बाद टूरिस्टों ने कश्मीर से एक तरह से मुंह ही मोड़ लिया है। इससे कश्मीर की टूरिस्ट इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। व्यापारियों और दुकानदारों में हाहाकार मचा हुआ है। पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो गई है, जिसके कारण कई होटलों और रेस्टोरेंट्स को कर्मचारियों की संख्या कम करनी पड़ी है और कुछ तो अनिश्चित काल के लिए बंद भी हो गए हैं।


पहले प्रतिदिन पहुंचते थे 15 हजार पर्यटक


22 अप्रैल के हमले से पहले कश्मीर घाटी में हर दिन आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 10 से 15 हजार थी लेकिन इस हमले के बाद ये संख्या घटकर महज दो हजार पर आ गई। श्रीनगर में हाउसबोट के मालिक मंजूर अहमद ने इसको लेकर बताया कि जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों पर हमला करके जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानियों ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करके हमला किया, तो जम्मू, श्रीनगर और लेह सहित 32 हवाई अड्डे बंद कर दिए गए, जिससे पर्यटकों का आना बंद सा हो गया। हमारी टूरिस्ट इंडस्ट्री अभी भी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के बाद भी इसके प्रभावों से जूझ रही है।


अब नाममात्र के पहुंच रहे पर्यटक


बता दें कि साल 2019 से अब तक 92 लाख से ज़्यादा पर्यटक कश्मीर आए हैं, जिनमें 1.4 लाख से ज़्यादा विदेशी पर्यटक शामिल हैं, लेकिन अब यह संख्या बमुश्किल सैंकड़ों में ही रह गई है। श्रीनगर के रामबाग इलाके में एक होटल मालिक जहूर अहमद ने कहा कि हमें मई के आखिरी हफ्ते और जून के पहले हफ्ते में नई बुकिंग मिली थी लेकिन मौजूदा अनिश्चितता और तनाव से अब बुकिंग नहीं मिल रही हैं। अगर हालात जल्दी ही सही नहीं हुए तो हमें मजबूरन होटल बंद करना पड़ सकता है।


होटल व्यापारियों की हालत खस्ता


जम्मू कश्मीर में मई और जून में पीक सीजन होता है लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद बने हालात के बाद इस बार का सीजन पूरी तरह से खत्म हो गया है, जिससे होटल व्यवसायी, गेस्ट हाउस संचालक, ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, थोक व्यापारियों को वित्तीय हालत बहुत खराब है।


अब अमरनाथ यात्रा पर टिकी नजर


पर्यटकों की अचानक गिरावट ने पर्यटन से सीधे और परोक्ष रूप से जुड़े कई क्षेत्रों में आर्थिक चुनौती पैदा कर दी है और अब पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग धार्मिक यात्रा जिन में 3 जून को होने वाले वार्षिक खीर भवानी मेले और 3 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर टिकी है।


यात्रियों की सुरक्षा के लिए कर रहे पूरे इंतजाम


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 20 मई को गंदरबल जिले के दौरे पर कहा कि हमने यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हम सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम करेंगे। हमारा प्रयास है कि पहले माता खीर भवानी मेला सफल हो, उसके बाद सोनमर्ग और पहलगाम दोनों मार्गों से अमरनाथ यात्रा हो। हम चाहते हैं कि सभी यात्री सुरक्षित लौटें। पर्यटन क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव को स्वीकार करते हुए उमर ने कहा कि मौजूदा स्थिति पुनरुद्धार प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के बाद सरकार पर्यटन को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम उठाने के लिए हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी।

साभार…

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