Restructuring: मध्य प्रदेश में प्रशासनिक ढांचे में सुधार के लिए गठित प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग फिलहाल अधर में है। अध्यक्ष और स्टाफ की नियुक्ति न होने से आयोग का कामकाज शुरू नहीं हो सका है। आयोग का गठन 27 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने मंजूर किया था, और इसका नोटिफिकेशन 12 मार्च 2024 को जारी हुआ।
अब तक की स्थिति:
- पहली नियुक्ति और इस्तीफा: आयोग में पहली नियुक्ति रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव को सदस्य के रूप में 9 सितंबर 2024 को की गई। हालांकि, उन्होंने बाद में इस्तीफा देकर राज्य निर्वाचन आयोग में आयुक्त का पद ग्रहण कर लिया।
- वर्तमान सदस्य: वर्तमान में आयोग में केवल एक सदस्य, रिटायर्ड आईएएस मुकेश शुक्ला, कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति 18 अक्टूबर 2024 को हुई थी।
- सचिव का प्रभार: जीएडी के अपर सचिव अक्षय कुमार सिंह को 12 नवंबर 2024 को आयोग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
आयोग का उद्देश्य:
प्रशासनिक इकाइयों, जैसे संभाग, जिला, तहसील और जनपदों की सीमाओं का पुनर्गठन कर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना। यह काम मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत किया जाना है।
अब तक की प्रक्रिया:
- इंदौर संभाग को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया।
- मनोज श्रीवास्तव ने अलग-अलग संभागों का दौरा कर सुझाव लिए, लेकिन इस्तीफे के कारण काम अधूरा रह गया।
भविष्य की योजना:
- मनोज श्रीवास्तव के इस्तीफे के बाद आयोग में एक नए सदस्य और अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी।
- आयोग विभिन्न विभागों, जैसे राजस्व, वन, नगरीय विकास और पंचायत विभाग के साथ समन्वय कर रिपोर्ट तैयार करेगा।
प्रशासनिक पुनर्गठन का यह प्रयास 42 वर्षों बाद किया जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक नियुक्तियों और आयोग की सक्रियता की कमी से यह प्रक्रिया धीमी हो गई है। सरकार को जल्द ही अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति कर काम में तेजी लाने की जरूरत है।
source internet… साभार….
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