Increase: भोपाल। केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया है, जो केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम और अधिकतम वेतन में वृद्धि की अनुशंसा करेगा। यह कदम बाजार की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से न केवल केंद्रीय कर्मचारियों बल्कि राज्य कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा।
8वें वेतन आयोग की मुख्य बातें
- फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि:
- 8वें वेतन आयोग में 1.92 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वेतन निर्धारण होगा।
- उदाहरण के लिए, 1800 रुपए ग्रेड पे और 18,000 रुपए सैलरी पाने वाले कर्मचारी की सैलरी बढ़कर 34,560 रुपए हो जाएगी।
- कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों की सैलरी 2.5 लाख से बढ़कर करीब 4.8 लाख रुपए तक हो सकती है।
- राज्य कर्मचारियों पर प्रभाव:
- मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के कर्मचारी केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अपने वेतनमान में सुधार की मांग करेंगे।
- राज्य सरकार कुछ अनुशंसाएं लागू करती है, जिससे राज्य कर्मचारियों की सैलरी में भी अच्छा उछाल आने की उम्मीद है।
- वेतन आयोग का कार्यकाल:
- वर्तमान 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा।
- 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।
पहले वेतन आयोग से अब तक का सफर
- भारत का पहला वेतन आयोग 1946 में गठित हुआ, जिसके अध्यक्ष श्रीनिवास वरदाचार्य थे।
- 7वां वेतन आयोग 2013 में जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में गठित हुआ और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं।
- प्रत्येक 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है।
वेतन आयोगों की विशेषताएं
- पहला और दूसरा वेतन आयोग: कर्मचारियों को जीवन निर्वाह योग्य वेतन देने पर ध्यान केंद्रित।
- तीसरा और चौथा वेतन आयोग: आकर्षक वेतन संरचना लागू कर योग्य व्यक्तियों को सरकारी सेवा में लाने का प्रयास।
- पांचवां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों की संख्या में 30% कटौती की अनुशंसा।
- छठा वेतन आयोग: वेतनमान की स्पष्टता और संख्या में कमी पर जोर।
- सातवां वेतन आयोग: पे बैंड और ग्रेड वेतन की अवधारणा लागू, महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मर्ज करने की अनुशंसा।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन संरचना
- पहले वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 55 रुपए और अधिकतम 2000 रुपए था।
- 7वें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए और अधिकतम 2.5 लाख रुपए तय किया गया।
- न्यूनतम और अधिकतम वेतन का अनुपात पहले 1:40 था, जो अब घटकर 1:14 हो गया है। कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इसे फिर से 1:40 किया जाए।
8वें वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी में बड़ा इजाफा मिलेगा। इससे राज्य कर्मचारियों के लिए भी समान वेतनमान लागू करने का रास्ता खुल जाएगा। यह कदम सरकारी सेवाओं में गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार साबित होगा।
source internet… साभार….
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