Launch: यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। चंद्रयान-4, गगनयान और समुद्रयान मिशन यह दर्शाते हैं कि भारत अब न केवल अंतरिक्ष बल्कि समुद्री अनुसंधान में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
🚀 चंद्रयान-4 (2027) की मुख्य विशेषताएँ:
- यह चंद्रमा से चट्टानों के नमूने लाने वाला पहला भारतीय मिशन होगा।
- मिशन में एलवीएम-3 रॉकेट का उपयोग किया जाएगा, जो पांच घटकों को पृथ्वी की कक्षा में इकट्ठा करेगा।
- नमूने पृथ्वी पर लाने की तकनीक भारत के लिए एक नई उपलब्धि होगी, जिससे वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह का गहराई से अध्ययन कर सकेंगे।
🛰️ गगनयान (2025) की मुख्य बातें:
- यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा।
- इसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री (गगननॉट्स) को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
- इस साल एक मानवरहित मिशन भेजा जाएगा, जिसमें रोबोट “व्योम मित्र” शामिल होगा।
🌊 समुद्रयान (2026) की खास बातें:
- यह मिशन समुद्र तल की 6,000 मीटर गहराई में अनुसंधान करेगा।
- तीन वैज्ञानिक पनडुब्बी से समुद्र की दुर्लभ धातुओं, खनिजों और जैव विविधताओं का अध्ययन करेंगे।
- यह भारत को समुद्री खोज और खनन में एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा।
🚀 भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था:
- वर्तमान में 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की है।
- अगले दशक तक 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना।
- निजी कंपनियों के बढ़ते निवेश से भारत वैश्विक अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
🔭 भारत के बढ़ते अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे:
- तीसरा लॉन्च पैड बनाया जा रहा है, जिससे भारी रॉकेटों का प्रक्षेपण संभव होगा।
- श्रीहरिकोटा लॉन्च सेंटर का विस्तार और तमिलनाडु के तूतीकोरिन में नया लॉन्च पैड तैयार किया जा रहा है।
👉 इन मिशनों के सफल होने से भारत विज्ञान, अनुसंधान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक बड़ी छलांग लगाएगा। 🚀🌍
source internet… साभार….
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