Mass marriage: बागेश्वर धाम में आयोजित 251 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में एक आध्यात्मिक और सामाजिक समरसता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। इस भव्य आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
- पं. धीरेंद्र शास्त्री ने राष्ट्रपति को हनुमान यंत्र भेंट किया, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं की गहरी जड़ें दर्शाता है।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश: उन्होंने महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि जब महिलाएं सफल होंगी, तभी समाज और देश सफल होगा।
- राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सामूहिक विवाह को अनुकरणीय बताया, और इसे समाज को एक नई दिशा देने वाला बताया।
- सीएम मोहन यादव ने ऐलान किया कि सरकार की योजनाओं के तहत विवाहित जोड़ों को 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मंदिरों की संपत्ति को गरीबों की बेटियों के विवाह के लिए खोल दिया जाना चाहिए।
सामाजिक संदेश और प्रेरणा
यह विवाह समारोह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इससे समाज में समरसता, जातिगत भेदभाव को तोड़ने और कमजोर वर्ग की सहायता का संदेश भी दिया गया।
धीरेंद्र शास्त्री की भावुकता
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि जब उन्होंने अपनी बहन का विवाह बड़ी कठिनाइयों के बीच संपन्न किया था, तभी उन्होंने संकल्प लिया था कि वे समाज में किसी भी बेटी के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होने देंगे।
ऐसे आयोजन क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- सामूहिक विवाह कमजोर वर्ग के लिए आर्थिक राहत प्रदान करते हैं।
- धार्मिक संस्थाओं की भूमिका केवल पूजा-पाठ तक सीमित न होकर समाज सुधार में भी होनी चाहिए।
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिलती है।
बागेश्वर धाम में हुआ यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक उत्थान का प्रतीक बन गया है। ऐसे आयोजन न केवल जरूरतमंद परिवारों की मदद करते हैं, बल्कि समाज में एकता, समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करते हैं।
source internet… साभार….
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