मां श्रृंगार गौरी के दर्शन को श्रद्धालुओं का तांता
Crowd gathered: वाराणसी। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हर साल इस एक दिन ही श्रद्धालु मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं ने मंदिर मुक्ति के लिए मांगी प्रार्थना
ज्ञानवापी केस लड़ रही 4 महिलाओं और वकील विष्णुशंकर जैन के नेतृत्व में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।
दर्शन के दौरान “ज्ञानवापी मुक्त करो” के नारे लगे।
विष्णुशंकर जैन ने कहा, “हमारी मां से यही प्रार्थना है कि कोर्ट में हमारी जीत हो।”
श्रद्धालुओं का जत्था गंगा जल लेकर निकला
सुबह 8:30 बजे सत्यनारायण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर के गेट 4-बी से श्रद्धालुओं को एंट्री दी गई।
दोपहर 12 बजे तक दर्शन की अनुमति रही।
गंगा से जल लेकर श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारों के साथ यात्रा निकाली।
शंखनाद, डमरू वादन और भक्ति गानों पर श्रद्धालु झूमते रहे।
श्रृंगार गौरी मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना
करीब 25 मिनट तक विशेष पूजा संपन्न हुई।
श्रृंगार गौरी मंदिर के प्राचीन पत्थरों पर सिंदूर और चंदन लगाया गया।
मंत्रोच्चार के साथ मां की विधिवत आराधना की गई।
हिंदू पक्ष की मांग – “ज्ञानवापी में मिले पूजा का अधिकार”
एडवोकेट विष्णुशंकर जैन ने कहा: “ज्ञानवापी में जो अष्ट मंडल का मंदिर था, वह भव्य रूप से दोबारा स्थापित हो।”
“बाबा के शिवलिंग पर जो वजू हो रहा था, उसकी ASI जांच हो।”
“हमें मां श्रृंगार गौरी के मूल स्थान पर पूजा का अधिकार मिले।”
“कोर्ट में हमारी विजय हो और हिंदू पक्ष की जीत हो।”
1992 तक होती थी नियमित पूजा, अब साल में एक बार
1992 से पहले मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति थी।
बाबरी विध्वंस के बाद सुरक्षा कारणों से नियमित दर्शन पर रोक लगा दी गई।
अब साल में सिर्फ एक दिन – चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन दर्शन की अनुमति दी जाती है।
18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में वाद दायर किया कि उन्हें नियमित पूजा का अधिकार मिले।
केस अभी कोर्ट में लंबित है और इस पर सुनवाई जारी है।
साभार…
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