मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहे कदम
Launch:कोलकाता। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2025 को ‘गगनयान वर्ष’ घोषित किया है। इस ऐलान के साथ भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है। ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी जानकारी दी और बताया कि एजेंसी इस वर्ष तीन मानवरहित मिशनों की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
🚀 क्या है ‘गगनयान वर्ष’?
ISRO प्रमुख ने कहा, “यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मानव को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हम तीन मानवरहित मिशन लॉन्च करेंगे। पहला मानवरहित मिशन इस साल दिसंबर तक ‘व्योममित्र’ नामक रोबोट के साथ लॉन्च किया जाएगा।”
गगनयान मिशन भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान योजना है, जिसके तहत 2027 की पहली तिमाही तक एक अंतरिक्ष यात्री को भारत की अपनी तकनीक और रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
🔭 अब तक 7200 सफल मिशन, 3000 और लंबित
वी. नारायणन ने बताया कि ISRO अब तक 7200 से अधिक अंतरिक्ष मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। फिलहाल 3000 परीक्षण मिशन एजेंसी की कार्यसूची में लंबित हैं। इन मिशनों में वैज्ञानिक, सामरिक और संचार से जुड़े कई उपग्रह शामिल हैं।
☀️ आदित्य L1: सूर्य अध्ययन में भारत बना अग्रणी
ISRO प्रमुख ने बताया कि 6 जनवरी को आदित्य L1 मिशन द्वारा एकत्र पहले वर्ष का वैज्ञानिक डेटा जारी किया गया। आदित्य L1 भारत का पहला सौर मिशन है और इसके साथ भारत सूर्य पर अध्ययन करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है।
🛰️ स्पैडेक्स मिशन: डॉकिंग तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर
वी. नारायणन ने स्पैडेक्स मिशन (SPADEX) की सफलता की जानकारी दी, जो भारत में अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक के परीक्षण के लिए एक अहम कदम था।
- इस मिशन में दो छोटे यान का प्रयोग हुआ, जिन्हें PSLV रॉकेट से लॉन्च किया गया।
- केवल 10 किलोग्राम ईंधन से यह डॉकिंग सफलता पूर्वक की गई, जो तकनीकी दक्षता को दर्शाता है।
🌐 भारत-नासा संयुक्त मिशन भी इस वर्ष
ISRO ने 2025 के लिए नासा-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट मिशन (NISAR) को भी शामिल किया है। यह सैटेलाइट भारत के खुद के लॉन्च व्हीकल से प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन धरती की सतह के बदलावों और प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी के लिए बेहद अहम है।
📅 हर महीने एक लॉन्च तय
ISRO प्रमुख ने कहा, “इस वर्ष लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धारित है।” यह भारत की अंतरिक्ष गतिविधियों में बढ़ते आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग का प्रमाण है।
🔮 आगे की राह: भारत अंतरिक्ष महाशक्ति बनने को तैयार
- 2025: पहला मानवरहित गगनयान मिशन (व्योममित्र के साथ)
- 2026: दो और मानवरहित मिशन
- 2027: पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान — भारत में निर्मित यान और रॉकेट से
- साभार…
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