Camp:भोपाल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नेताओं की बयानबाज़ी से उपजे विवादों और राष्ट्रीय मुद्दों पर असामयिक टिप्पणियों से सबक लेते हुए अब पार्टी सांसदों और विधायकों को संवाद और आचरण का प्रशिक्षण देने जा रही है। इसी क्रम में 14 से 16 जून तक पचमढ़ी में पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।
🎤 उद्घाटन और समापन
इस शिविर का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। समापन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शामिल होने की संभावना है। शिविर में लोकसभा व राज्यसभा सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी अनिवार्य रहेगी।
📚 प्रशिक्षण का उद्देश्य
शिविर में नेताओं को सिखाया जाएगा:
- मर्यादित संवाद शैली
- पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप बयान देना
- राष्ट्रीय व संवेदनशील मुद्दों पर अनधिकृत टिप्पणी से बचना
- मीडिया से संवाद के दौरान सयंम और स्पष्ट निर्देशों की प्रतीक्षा करना
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, नेताओं को यह स्पष्ट किया जाएगा कि “गाइडलाइन से हटकर बयान न दें” और किसी भी संवेदनशील विषय पर टिप्पणी करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व की राय लेना अनिवार्य होगा।
⚠️ पृष्ठभूमि: बयानबाज़ी से हुई किरकिरी
हाल ही में भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के विवादास्पद बयानों से पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
- विजय शाह ने सेना में चयनित कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
- इसके बाद डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने भी सेना पर असंगत बयान दे दिया था।
इन घटनाओं के बाद पार्टी हाईकमान ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशिक्षण शिविर की रूपरेखा तैयार की गई।
🛑 पार्टी अनुशासन और एकरूपता पर फोकस
पार्टी संगठन का मानना है कि नेताओं के अनुशासित आचरण और एकरूप संवाद से ही चुनावी और सामाजिक स्तर पर पार्टी की विश्वसनीयता बनी रह सकती है।
2023 के विधानसभा चुनावों के बाद यह पहला बड़ा प्रशिक्षण शिविर होगा, जिसे पार्टी डिसिप्लिन रिस्टोरेशन एक्सरसाइज के रूप में देख रही है।
📌 पार्टी के लिए रणनीतिक महत्व
विश्लेषकों का मानना है कि यह शिविर आगामी 2026 के राज्यों के चुनावों और 2029 के आम चुनाव की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, जहाँ पार्टी अनुशासन और संगठित छवि को प्राथमिकता दी जा रही है।
साभार….
Leave a comment