Corona: जबलपुर/भोपाल | मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर चिंता बढ़ा रहा है। मंडला जिले के नारायणगंज की गर्भवती महिला की रविवार रात जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। साल 2025 में यह प्रदेश में कोरोना से चौथी मौत है, जबकि महाकौशल क्षेत्र में इस सीजन की पहली मौत मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसका ऑपरेशन किया गया। उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया, लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद देर रात उसकी मौत हो गई। नवजात को फिलहाल चाइल्ड वार्ड में निगरानी में रखा गया है।
कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद इलाज शुरू किया गया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि महिला की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव थी। जबलपुर में इस वक्त केवल एक एक्टिव केस है, जबकि पूरे प्रदेश में अब तक 200 मरीज संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 134 एक्टिव केस, 62 रिकवर और 4 मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर सवाल
कोविड की स्थिति पर अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया गया है। IDSP (इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम) के तहत 2020 से अब तक रोजाना जिलेवार अपडेट दिया जाता था, लेकिन इस बार अधिकारी डेटा साझा करने से बचते नजर आ रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सूचना का अभाव, संक्रमण को नियंत्रित करने में बाधा बन सकता है। पड़ोसी राज्य जहां अब भी नियमित बुलेटिन जारी कर रहे हैं, मध्यप्रदेश में यह पहली बार है जब सरकारी स्तर पर पारदर्शिता नहीं दिखाई जा रही।
महिला के संपर्क में आए लोगों की जांच शुरू
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने महिला के संपर्क में आए परिजनों, स्वास्थ्यकर्मियों और मेडिकल स्टाफ की पहचान शुरू कर दी है। सभी को क्वारंटाइन में रखकर टेस्ट किए जाने की तैयारी है।
प्रदेश में रविवार को 4 नए केस मिले
रविवार, 15 जून को पूरे प्रदेश में 4 नए कोविड केस मिले। इन मामलों के बाद 2025 में कुल संक्रमितों की संख्या 200 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश मामले शहरी क्षेत्रों में हल्के लक्षणों वाले हैं। फिलहाल किसी जिले में सामूहिक प्रकोप की स्थिति नहीं है, लेकिन संक्रमण के स्वरूप और ट्रेंड पर नजर रखी जा रही है।
निगरानी की कमी या प्रशासनिक उदासीनता?
विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना की निगरानी और सूचना साझा करने की पारदर्शी व्यवस्था दोबारा शुरू की जाए। हेल्थ बुलेटिन बंद करने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि संक्रमण की गंभीरता को नजरअंदाज करना आने वाले समय में भारी पड़ सकता है।
साभार…
Leave a comment