मैन पॉवर की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल
तीन डॉक्टरों का हुआ जिले से स्थानांतरण
Man Power: बैतूल। आदिवासी बाहुल्य जिला बैतूल में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। पर यह खर्च बिल्डिंग बनाने में किया जा रहा है। लेकिन मैन पॉवर की कमी से जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं बदतर होती जा रही हैं। हाल ही में हुए चिकित्सकों के तबादले में कोई चिकित्सक बैतूल तो नहीं आया पर जिला अस्पताल में पदस्थ तीन चिकित्सकों के दूसरे जिले में तबादले हो गए हैं। पिछले लंबे समय से जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी चली आ रही है। लेकिन इस कमी को दूर करने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल की वर्तमान हालत को देखकर यही कहा जा सकता है कि मैनेजमेंट ठीक नहीं होने के कारण व्यवस्था बिगड़ती जा रही हैं।
पद 62 रिक्त 36
जिला अस्पताल बैतूल में डॉक्टरों के 62 पद स्वीकृत हैं। जिसमें पहले तक 33 पद रिक्त थे और कल 3 चिकित्सकों के तबादले हो जाने के बाद 36 पद रिक्त हो गए हैं। मेडिकल विशेषज्ञ के 4 पद में से 2 पद रिक्त, स्त्री रोग विशेषज्ञ 4 पदों में से 1 रिक्त, शिशु रोग विशेषज्ञ के 7 में से 5 रिक्त, नेत्र रोग विशेषज्ञ के 2 में से 1 रिक्त, रेडियोलॉजिस्ट के 2 में से 2 रिक्त, पैथालाजिस्ट के 2 में से 2 रिक्त, निश्चेतना विशेषज्ञ 2 में से 2 रिक्त, ईएनटी विशेषज्ञ 2 में से 2 रिक्त, हृदय रोग विशेषज्ञ 1 पद रिक्त, क्षय रोग विशेषज्ञ 1 पद रिक्त, चिकित्सा अधिकारी के 15 पद 1 रिक्त, दंत चिकित्सक द्वितीय श्रेणी 2 पद 1 रिक्त, आयुष चिकित्सक 1 पद रिक्त, ट्रामा सेंटर प्रथम श्रेणी मेडिकल विशेषज्ञ 1 पद रिक्त, अस्थि रोग विशेषज्ञ 2 पद 2 रिक्त, सर्जिकल 2 पद 1 रिक्त, निश्चेतना विशेषज्ञ 2 पद 2 रिक्त, ट्रामा सेंटर में चिकित्सा अधिकारी 6 पद 6 रिक्त हैं।
इन तीन डॉक्टर के हुए तबादले
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग संचालनालय भोपाल ने कल डॉक्टरों के तबादलों की दो सूची जारी की है जिसमें एक सूची में 86 चिकित्सक और दूसरी सूची में 33 चिकित्सकों के नाम शामिल हैं। इनमें से एक भी बैतूल नहीं आया बल्कि बैतूल में पदस्थ दंत चिकित्सक डॉ. निधि जैन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शिल्पा हुरमाड़े और चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऋषभ शर्मा का तबादला जिला चिकित्सालय से दूसरे जिलों में कर दिया गया है। इनके तबादले के बाद अब जिला चिकित्सालय में 36 डॉक्टरों की कमी हो जाएगी।
डॉक्टरों की मांग का नहीं हुआ असर
जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पिछले लंबे समय से डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए मांग पत्र भेजा जाता है लेकिन इस मांग पत्र पर कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है और बैतूल जैसे ही आदिवासी बाहुल्य जिले में डॉक्टर आना नहीं चाहते हैं। जब जिला चिकित्सालय की स्थिति यह है तो ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी? इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि पूरे जिले से इलाज के लिए मरीज जिला अस्पताल आते हैं। और यहां पर अगर डॉक्टर नहीं रहेंगे तो मरीजों का क्या होगा?
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