Shuffle: नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूरे होने के बाद अब केंद्र सरकार और भाजपा संगठन दोनों स्तरों पर व्यापक बदलावों की तैयारी में हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार अपने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जल्द ही बड़ा फेरबदल कर सकती है, जिसमें नए चेहरे शामिल किए जाएंगे और कुछ मंत्रियों से अतिरिक्त जिम्मेदारी हटाई जा सकती है।
🔄 क्या मानसून सत्र से पहले होगा बदलाव?
21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले ही कैबिनेट विस्तार हो सकता है, हालांकि यह सत्र के बाद भी संभव है।
मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की मुलाकात को इसी संदर्भ में अहम माना जा रहा है।
हालांकि बैठक को औपचारिक रूप से संसदीय रणनीति से जोड़ा गया, पर राजनीतिक हलकों में इसे संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी से जोड़ा जा रहा है।
🧾 संभावित कारण: प्रदर्शन, चुनाव और युवाओं को मौका
कैबिनेट विस्तार के पीछे मुख्य वजह मानी जा रही है:
- मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन: हाल ही में मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मंत्रियों से कामकाज का प्रेजेंटेशन लिया था।
- आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को प्रतिनिधित्व बढ़ाना।
- युवाओं और नए चेहरों को मौका देकर मंत्रिमंडल को और अधिक ऊर्जावान बनाना।
📊 किन मंत्रालयों में बदलाव संभावित?
सूत्रों के मुताबिक निम्नलिखित मंत्रालयों में बदलाव की संभावना है:
- आदिवासी कार्य मंत्रालय
- अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
इसके अलावा कई मंत्रालयों में राज्य मंत्री स्तर पर फेरबदल संभव है। साथ ही, एक से अधिक मंत्रालय संभाल रहे वरिष्ठ मंत्रियों का कार्यभार हल्का किया जा सकता है।
👥 कितने मंत्री हो सकते हैं शामिल?
मौजूदा समय में 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में कुछ स्थान रिक्त हैं, जिसके चलते कम से कम 8-9 नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह फेरबदल संगठन और सरकार के संतुलन को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
🧾 हाल की नियुक्तियों से बढ़ी अटकलें
बीते कुछ दिनों में हुई राज्यसभा में नामांकन, हरियाणा और गोवा में नए राज्यपाल, और लद्दाख में उपराज्यपाल की नियुक्ति जैसे फैसलों ने बदलाव की अटकलों को और बल दिया है।
साभार…
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