Prepaid Electricity:इंदौर: मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अगस्त 2025 से अपने क्षेत्र के 10,000 सरकारी कार्यालयों, जिनमें इंदौर के 1,550 ऑफिस शामिल हैं, को प्रीपेड बिजली में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। इस चरण में स्मार्ट मीटर के माध्यम से दो माह का अग्रिम बिल जमा करना होगा। दिसंबर 2025 तक कुल 50,000 कार्यालयों को इस व्यवस्था में लाया जाएगा।
⚡ 25 पैसे प्रति यूनिट की विशेष छूट
इस नई व्यवस्था में सरकारी कार्यालयों को प्रति यूनिट 25 पैसे की छूट मिलेगी। साथ ही, इन कनेक्शनों को दो माह के अग्रिम बिल जमा करने की व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है, जिससे बकाया वसूली के मामले में पारदर्शिता बढ़ेगी।
🏛️ मंत्रालयों से लागू करने का निर्देश
वित्त विभाग ने सभी जिलों को सरकारी कार्यालयों को अग्रिम बिल जमा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही, इमरजेंसी सेवाएं (जैसे अस्पताल, थाने, जल आपूर्ति इकाइयाँ) पहले चरण में शामिल नहीं होंगी—इनके शामिल होने की प्रक्रिया बाद में शुरू होगी।
📢 केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का आदेश
केंद्र सरकार ने अगस्त 2025 तक सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में स्मार्ट मीटर आधारित प्रीपेड प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, वाणिज्यिक, औद्योगिक और हाई‑लोड कनेक्शनों के लिए यह नवंबर 2025 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया है।
🗓️ समयरेखा सारांश
समय | गतिविधि |
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अगस्त 2025 | मप्र में 10,000 सरकारी ऑफिस प्रीपेड बिजली में शिफ्ट करने की शुरुआत |
अगस्त 2025 | केंद्र ने पूरे देश में सरकारी प्रतिष्ठानों में स्मार्ट प्रीपेड पीएम लागू करने के निर्देश दिए |
नवंबर 2025 | वाणिज्यिक/औद्योगिक/हाई-लोड कनेक्शन में विस्तार की समयसीमा |
दिसंबर 2025 | प्रदेश में 50,000 सरकारी ऑफिस पर प्रीपेड व्यवस्था पूरी हो जाएगी |
📌 प्रमुख विश्लेषण
- ठोस वित्तीय अनुशासन: अग्रिम बिल जमा करने से सरकारी बकाया बिलों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी।
- उर्जा दक्षता व पारदर्शिता: प्रीपेड मॉडल से उपभोक्ता स्वयं उपयोग पर ध्यान देगा, जिससे बचत होगी।
- सरकारी वाणिज्यिक दोनों स्तरों पर लागू: केंद्र व राज्य दोनों मिलकर एक व्यापक ऊर्जा सुधार योजना को मूर्त रूप दे रहे हैं।
- साभार…
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