National Hub: भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल अब खेल विज्ञान और उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का राष्ट्रीय केंद्र बनने जा रही है। खेल विभाग नाथु बरखेड़ा स्थित स्पोर्ट्स सिटी में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्पोर्ट्स साइंस एवं हाई-परफॉर्मेंस सेंटर स्थापित कर रहा है।
मुख्यमंत्री की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आज के दौर में खिलाड़ियों की सफलता केवल पारंपरिक प्रशिक्षण पर निर्भर नहीं हो सकती। उन्हें वैज्ञानिक पद्धतियों, आधुनिक तकनीक और मनोवैज्ञानिक सहयोग की भी आवश्यकता है। इसी सोच के साथ भोपाल में यह केंद्र तैयार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के मुताबिक, कई खिलाड़ी प्रतिभाशाली होते हुए भी तकनीकी कमी, मानसिक दबाव और चोटों की वजह से अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे में स्पोर्ट्स साइंस सेंटर उन्हें संपूर्ण समर्थन देगा।
केंद्र की मुख्य विशेषताएँ
- एकीकृत मॉडल: देश का पहला ऐसा केंद्र जहां फिजियोलॉजी, बॉयोमेकेनिक्स, काइन्सियोलॉजी, मनोविज्ञान, बॉयोकेमिस्ट्री और पोषण विज्ञान का समन्वित प्रशिक्षण मिलेगा।
- प्रयोगशालाएँ:
- फिजियोलॉजी लैब – VO2 मेक्स टेस्टिंग, बॉडी कंपोजीशन एनालिसिस।
- बॉयोमेकेनिक्स लैब – मोशन कैप्चर, गेट एनालिसिस, फोर्स-प्लेट टेस्टिंग।
- मनोविज्ञान इकाई – मानसिक दृढ़ता, तनाव एवं चिंता प्रबंधन।
- पोषण और बॉयोकेमिस्ट्री यूनिट – ब्लड मार्कर टेस्टिंग, वैज्ञानिक डाइट प्लान।
- रिकवरी सूट – हाइड्रोथेरेपी, क्रायोथेरेपी और फिजियोथेरेपी।
- विशेषज्ञ टीम: वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट और डेटा विश्लेषक खिलाड़ियों की व्यक्तिगत प्रोफाइल बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करेंगे।
संभावित प्रभाव
यह सेंटर ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को नई ऊँचाई देगा। साथ ही प्रदेश के उभरते खिलाड़ियों को भी वैज्ञानिक प्रशिक्षण मिलेगा। यह पहल भोपाल को भारत का स्पोर्ट्स साइंस हब बनाने और भारत को वैश्विक खेल शक्ति बनाने की रणनीति को मजबूत करेगी।
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